राष्ट्रीय

शशि थरूर बनाम टी.राजा के बीच जुबानी जंग जारी

 कांग्रेस सांसद ने बोला कि तिरुवनंतपुरम में उनके विरुद्ध भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का अभियान सिर्फ़ विपक्षी दलों के वोटों को विभाजित करने का काम करेगा.” शशि थरूर ने लगाया आरोप. अपने एक्स पेज पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘यह हास्यास्पद है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तिरुवनंतपुरम में भाजपा का खेल खेल रही है और वायनाड में राहुल गांधी के नामांकन के बारे में कम्पलेन कर रही है.

तिरुवनंतपुरम में मेरे विरुद्ध सीपीआई के अभियान का उद्देश्य बीजेपी विरोधी वोटों को विभाजित करना है. वे वायनाड में गठबंधन धर्म सिखा रहे हैं. सती थरूर के इस बयान पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टी. राजा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बोला कि यह एक बेतुका दावा है. शशि थरूर जैसे पढ़े-लिखे लोगों को केरल के इतिहास को ठीक से समझना चाहिए. यह वामपंथ ही है जो वर्गवाद और फासीवाद के विरुद्ध लड़ता है. कांग्रेस पार्टी के कई नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

राहुल गांधी वायनाड में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के विरुद्ध क्यों लड़ रहे हैं, जो बीजेपी के विरुद्ध लड़ने का दावा करता है? कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए कि वे लोगों को क्या बताना चाहते हैं और उनका सियासी प्रतिद्वंद्वी कौन है. इससे पहले उन्होंने बोला कि मैंने 15 वर्ष तक तिरुवनंतपुरम के लोगों की सेवा की है. वे मेरे काम को अच्छी तरह से जानते हैं. जब भी उन्हें मेरी आवश्यकता पड़ी, मैं यहां आया हूं. मैंने सभी जरूरी मुद्दों में भाग लिया है. इस बार तीन-तरफा मुकाबला होगा. यहां इसलिए क्योंकि मैंने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट से सीट ली है.

वे मुझसे पहले दो बार जीत चुके हैं. पिछले दो बार से भाजपा दूसरे नंबर पर रही है. इसलिए हमें दोनों उम्मीदवारों को गंभीरता से लेना होगा. मुझे विश्वास है कि मैं जीतूंगा,” शशि थरूर ने बोला था. इस बीच, भाजपा तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस पार्टी सांसद शशि थरूर के विरुद्ध केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतार रही है. पन्नयन रवींद्रन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की ओर से तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ रहे हैं.

उन्होंने बोला कि यहां जरूरी मुकाबला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और कांग्रेस पार्टी के यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच है. भाजपा का तिरुवनंतपुरम से कोई संबंध नहीं है. केरल में 26 अप्रैल को एक चरण में लोकसभा चुनाव होंगे. राज्य में कुल 20 लोकसभा क्षेत्र हैं. उल्लेखनीय है कि केरल में भाजपा को एक बार भी जीत नहीं मिली है.

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