15 वर्ष पहले आज के दिन क्या हुआ था, जानें आज का दर्द भरा इतिहास
मुंबई (Mumbai) में 2008 के आतंकी हमले में बाल-बाल बचे मोशे होल्त्सबर्ग (Moshe Holtzberg) के नाना-नानी ने उनका दुख महसूस करने और उसे अपना समझने के लिए हिंदुस्तान के लोगों का आभार व्यक्त किया है। पाक (Pakistan) के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई स्थानों पर धावा किया था जिनमें से एक ‘नरीमन हाउस’ (Nariman House) भी था जिसे चाबड हाउस भी बोला जाता है। मोशे उस समय केवल दो साल का था और हमले के समय अपने माता-पिता गैब्रिएल होल्त्बर्ग एवं रिवका होल्त्सबर्ग के साथ नरीमन हाउस में था।
उस बर्बर हमले में मोशे के माता-पिता मारे गए थे। मोशे के नाना रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग ने पीटीआई से कहा, ‘‘भारत के लोगों को याद है कि 15 साल पहले आज के दिन क्या हुआ था। हमारे परिवार पर और अन्य इजराइली परिवारों पर जो कहर टूटा था आपको याद है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरी पत्नी येहुदित और मोशे दिल से ये मानते हैं और इस बात के लिए हिंदुस्तान में आप सबका आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि आपने हमारे दुख को महसूस किया और उसे अपना समझा।”
हजराइल और हमास के बीच युद्ध की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा, ‘‘इस साल ने खासतौर पर दिखाया कि आतंकी किस तरह से यहूदियों की मर्डर करना चाहते हैं, लेकिन हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं।” नन्हे मोशे को हमले से बचाकर उसे सीने से चिपकाए उसकी नैनी सैंड्रा की एक तस्वीर सामने आई थी जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था।
रोसेनबर्ग ने कहा, ‘‘मोशे ठीक है और येशिवा में पढ़ाई कर रहा है। सैंड्रा इजराइल में है और सप्ताहांत में यरूशलम से हमारे पास आती है। वह हमारे परिवार की सदस्य की ही तरह है और यह घर उसका भी है।” सैंड्रा को इजराइल गवर्नमेंट ने मानद नागरिकता दी थी और उसे ‘राइटियस जंटिले’ की उपाधि से सम्मानित किया था। यह एक दुर्लभ सम्मान है और यह उन लोगों को दिया गया जिन्होंने नरसंहार के दौरान यहूदियों को बचाने में अपनी जान जोखिम में डाली। परिवार ने इस साल हिब्रू कैलेंडर के मुताबिक 13 नवंबर को अपने निकट संबंधियों की याद में अफुला में वर्षिक प्रार्थना की थी।
पिछले साल मोशे ने एक वीडियो संदेश जारी कर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंक का मुकाबला करने के उपायों की तलाश करने की मार्मिक अपील की थी ताकि ‘‘किसी को भी उस पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े जिससे वह गुजरा है।” उस वीडियो में मोशे ने अपने बचने की कहानी भी साझा की। वह केवल सैंड्रा के साहस के कारण ही बच सका ‘‘जिसने उसे बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी।” मोशे ने अपनी परवरिश की कहानी भी दुनिया के साथ साझा की। वह अपने नाना-नानी के साथ रहता है और वे उसकी परवरिश अपने बेटे की तरह कर रहे हैं।
उसने वीडियो में 2017 में इजराइल में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया। उसने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और मुझे मेरे नाना-नादी के साथ हिंदुस्तान आने का न्योता दिया।” दस पाकिस्तानी आतंकी 26 नवंबर 2008 को समुद्री मार्ग से दक्षिण मुंबई के इलाकों में घुसे थे और उन्होंने चाबड हाउस सहित कई स्थानों पर धावा किया था। इन हमलों में छह यहूदियों और 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे।(एजेंसी)