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शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को फिर लगा बड़ा झटका

दिल्ली की एक न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज शराब घोटाले से जुड़े करप्शन और धन शोधन के मामलों में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. राउज एवेन्यू न्यायालय की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह कहते हुए सिसौदिया को राहत देने से इनकार कर दिया कि जमानत देने का यह ठीक समय नहीं है.

AAP नेता अभी न्यायिक हिरासत में हैं और दिल्ली की तिहाड़ कारावास में बंद हैं, जहां उनकी पार्टी के मुखिया और सीएम अरविंद केजरीवाल भी इसी मुद्दे में बंद हैं. सिसौदिया अब CBI और प्रवर्तन निदेशालय दोनों द्वारा दाखिल मामलों में उनकी जमानत खारिज करने के शहर न्यायालय के आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. पिछले हफ्ते, कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में मनीष सिसोदिया, सह-आरोपी विजय नायर और अन्य की न्यायिक हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी गई थी.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को इल्जाम पत्र से जुड़े दस्तावेजों को डिजिटल करने की अनुमानित अवधि का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट प्रदान करने का भी निर्देश दिया. संघीय जांच एजेंसी ने इल्जाम लगाया था कि आरोपी आदमी कार्यवाही में देरी कर रहे थे और वे सुनवाई में तेजी लाने के इच्छुक नहीं थे. मनीष सिसौदिया को आरंभ में 26 फरवरी, 2023 को CBI ने अरैस्ट किया था और उसके बाद पिछले वर्ष 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने अरैस्ट किया था.

ईडी और CBI का इल्जाम है कि उत्पाद नीति में संशोधन में अनियमितताएं बरती गईं केंद्रीय जांच एजेंसियों का दावा है कि लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा दिया गया, जिसमें लाइसेंस शुल्क माफ करना या कम करना और सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार शामिल है. उल्लेखनीय है कि निचली अदालत, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था

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