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विश्वसनीय व समावेशी ढांचा बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की है जरूरत है : अजीत डोभाल

भारत आतंकियों और अपराधियों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का मुकाबला करने के लिए योगदान जारी रखेगा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को यह भरोसा दिया और बोला कि सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने और विश्वसनीय और समावेशी ढांचा बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योगदान की आवश्यकता है.

सेंट पीटर्सबर्ग में सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम संबोधित करते हुए डोभाल ने समावेशी आर्थिक विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की हिंदुस्तान की नीति के बारे में बताया. डोभाल ने बल देकर बोला कि हिंदुस्तान आतंकियों और अपराधियों की ओर से सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का मुकाबला करने के साथ-साथ आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए भी योगदान जारी रखेगा.

उन्होंने बोला कि इस संदर्भ में साइबर क्राइम पर संयुक्त देश का समझौता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक जरूरी पहल होगा. उन्होंने सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक खुले, स्थिर, सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी ढांचे के लिए अंतर्राष्ट्रीय योगदान का आह्वान किया.

सुरक्षा मामलों के लिए उत्तरदायी उच्च रैंकिंग ऑफिसरों की बारहवीं अंतराष्ट्रीय बैठक में भाग लेने वाले डोभाल ने बोला कि इस तरह के योगदान के रोडमैप में सरकारों से लेकर निजी क्षेत्र, शिक्षा, तकनीकी समुदाय और नागरिक समाज तक सभी हितधारकों को शामिल होना चाहिए. उन्होंने बोला कि जरूरी मुद्दों पर आम समझ विकसित करने में सहायता के लिए नियमित संस्थागत संवाद स्थापित किया जाना चाहिए.

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