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वित्तमंत्री सीतारमण – मोदी सरकार ने ने पिछले 10 साल में केंद्रीय बजट की बदल दी रूपरेखा

Finance Minister’s statement regarding the Union Budget : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बोला कि पीएम मोदी की प्रतिनिधित्व वाली गवर्नमेंट ने पिछले 10 वर्ष में केंद्रीय बजट की रूपरेखा बदल दी है. पहले यह सिर्फ़ खर्चों का लेखा-जोखा होता था लेकिन मोदी गवर्नमेंट ने इसे लोगों के बीच समान वितरण के लिए एक रणनीतिक खाके में परिवर्तित किया है. उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा असर को अधिकतम करना जारी रखेगी ताकि इसका फायदा सभी तक पहुंचाने के लिए इसका सर्वोत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके.

करदाताओं की मेहनत की कमाई का सर्वोत्तम इस्तेमाल : वित्तमंत्री ने साथ ही इस बात पर बल दिया कि हिंदुस्तान को एक विकसित देश बनाने के लिए सुधारों की गति जारी रहेगी. उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा असर को अधिकतम करना जारी रखेगी ताकि इसका फायदा सभी तक पहुंचाने के लिए इसका सर्वोत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके.

सीतारमण ने बोला कि मोदी गवर्नमेंट ने अपनी बजट प्रथाओं और आंकड़ों में पारदर्शिता को अहमियत दी है. पारदर्शी बजट वाले राष्ट्रों को अक्सर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों द्वारा अधिक अनुकूल नजरिए से देखा जाता है. इससे अंतरराष्ट्रीय भरोसे में सुधार हो सकता है.

सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा, यह कांग्रेस पार्टी नीत संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) गवर्नमेंट की ‘ऑफ-बजट’ उधारी और ‘ऑयल बॉन्ड’ जारी करने के जरिए घाटे को छिपाने की दोहराई जाने वाली प्रथा के एकदम उल्टा है, जिसने कुछ हद तक राजकोषीय बोझ को भविष्य की पीढ़ियों पर स्थानांतरित कर दिया. संप्रग के अनुसार बजट आंकड़ों को अनुकूल दिखाने के लिए मानक राजकोषीय प्रथाओं को नियमित रूप से बदला गया.

उन्होंने बोला कि पिछले दशक में पुरानी बाधाओं और प्रथाओं को पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय बजट की विश्वसनीयता में काफी सुधार देखा गया है. सीतारमण ने कहा, हमारी गवर्नमेंट ने बजट को सिर्फ़ खर्चों के रिकॉर्ड से बदलकर समान विकास के रणनीतिक खाके में बदल दिया है. हम अपने करदाताओं से एकत्र किए गए प्रत्‍येक रुपए का विवेकपूर्ण और ठीक इस्तेमाल करते हैं. सार्वजनिक वित्त की पारदर्शी तस्वीर पेश करते हैं.

सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए किए कई सुधार : मंत्री ने बोला कि गवर्नमेंट ने बजटीय प्रक्रिया और प्रथाओं को मजबूत करने और पारदर्शिता लाने के लिए कई सुधार किए हैं. उन्होंने बोला कि वित्त साल 2017-18 से बजट एक फरवरी को पेश किए जाने लगा. इससे व्यय चक्र कारगर रूप से दो महीने आगे बढ़ गया. इससे पहले बजट 28 फरवरी को पेश किया जाता था.

सीतारमण ने बोला कि स्वायत्त निकायों को समय पर रकम जारी करने के लिए ‘ट्रेजरी सिंगल अकाउंट’ (टीएसए) लाकर सरकारी व्यय में सुधार से केंद्र के लिए उधार लेने की लागत कम हो गई है. उन्होंने कहा, टीएसए की वजह से अब तक 15,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है.

वित्त साल 2024-25 के लिए करीब 5.01 लाख करोड़ रुपए का बजट : सीतारमण ने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के जरिए 108 केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) का संचालन करती है, जिसका बजट वित्त साल 2024-25 के लिए करीब 5.01 लाख करोड़ रुपए है. वित्त साल 2023-24 के लिए यह 4.76 लाख करोड़ रुपए था. इसके अलावा, उन्होंने बोला कि मोदी गवर्नमेंट के अनुसार केंद्रीय बजट की खासियत राजकोषीय विवेक, पारदर्शिता और समावेशिता है, जो सामाजिक विकास तथा बुनियादी ढांचे में निवेश सुनिश्चित करता है.

मंत्री ने बोला कि मोदी गवर्नमेंट अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने, पारदर्शिता बढ़ाने और विकसित हिंदुस्तान की मजबूत नींव रखने के लिए जारी सुधारों को आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, हम करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य तथा असर को अधिकतम करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसका सभी के फायदा के लिए सर्वोत्तम संभव इस्तेमाल किया जाए.

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