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रेलवे बोर्ड ने आम रेल यात्रियों के लिए 50 अमृत भारत ट्रेनें चलाने का लिया फैसला

Amrit Bharat Train: रेलवे बोर्ड ने चालू वित्तीय साल में आम रेल यात्रियों के लिए 50 अमृत हिंदुस्तान ट्रेनें चलाने का निर्णय किया है. सभी ट्रेनों में स्लीपर-जनरल कोच होंगे. केसरिया रंग की इन अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों को पुल-पुश तकनीक से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाया जाएगा. औसत गति अधिक होने के कारण यह ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस से भी कम समय लेंगी. इनके कोच में सुविधाएं मेल-एक्सप्रेस से बेहतर होंगी.

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चालू वित्तीय साल (2024-25) में अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों के कुल 1230 कोच का उत्पादन करने का निर्णय किया गया है. इसमें स्लीपर श्रेणी (एलडब्ल्यूएससीएच) के 600 कोच, जनरल श्रेणी (एलडब्ल्यूएस) के 440 कोच और गार्ड-स्लीपर श्रेणी (एलएसएलआरडी) के 130 कोच का उत्पादन किया जाएगा. इस प्रकार वित्तीय साल में कुल 50 अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों को चलाया जाएगा और इनके कोच स्लीपर-जनरल होंगे. यानी अमृत हिंदुस्तान आम रेल यात्रियों की ट्रेनें होंगी.

राजधानी से कम किराया
अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में दो अमृत हिंदुस्तान ट्रेनें आनंद विहार-अयोध्या और दिल्ली-दरभंगा के बीच चलार्ई जा रही हैं. चरणबद्ध ढंग से इनकी संख्या 52 तक करने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि इंडियन रेलवे में अमृत हिंदुस्तान ऐसी ट्रेनें हैं जिसमें जर्क (झटके) नहीं लगेंगे. क्योंकि इसमें सेमी स्थायी कप्लर लगे हैं. यह एलएचबी तकनीकी का विकसित वर्जन है. पुल-पुश तकनीक होने के कारण अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों की औसत रफ्तार राजधानी ट्रेनों की अपेक्षाकृत अधिक होगी. जिससे ये ट्रेनें गंतव्य तक पहुंचने में राजधानी एक्सप्रेस से भी कम समय लेंगी. जबकि किराया राजधानी से कम होगा.

वंदे हिंदुस्तान जैसी सुविधा
अमृत हिंदुस्तान में टॉयलेट की डिजाइन वंदे हिंदुस्तान ट्रेन की तर्ज पर है. पूरी ट्रेन में बगैर प्लेटफार्म पर उतरे कोच के भीतर से अंतिम कोच तक पहुंचा जा सकता है. वर्तमान में नॉन एसी कोच में यह सुविधा नहीं है. लगेज रखने के स्थान ऊंची और चौड़ी है. जनरल श्रेणी के कोच के बर्थ में भी कुशन लगाए गए हैं. विकलांगों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन के आगे और पीछे विशेष प्रकार के एसएलआर कोच लगे हैं.

130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार
रेलवे बोर्ड ने अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों को अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाने का निर्णय किया है. इस रफ्तार पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और वंदे हिंदुस्तान ट्रेनें चल रही हैं. मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रतिघंटा पर चलाई जाती हैं. आगे-पीछे दो इंजन वाली अमृत हिंदुस्तान ट्रेन की औसत रफ्तार पुल-पुश तकनीक के चलते बढ़ जाती है. इसमें तेज गति से पिकअप और तेज गति से ट्रेनों को रोकना संभव हो पाता है. इससे उनकी औसत रफ्तार बढ़ जाती है.

तमाम सुविधाओं और तेज यात्रा के मद्देनजर मेल-एक्सप्रेस की अपेक्षा अमृत हिंदुस्तान ट्रेनों का किराया 15-17 प्रतिशत अधिक होगा. इसका इंजन वंदे हिंदुस्तान की तर्ज पर होगा, जोकि पूरी तरह से केसरिया रंग का होगा. जबकि इसके कोच की खिड़की के ऊपर और नीचे केसरिया रंग की पट्टी होगी.

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