राजसमंद: जून, जुलाई के भीषण गर्मी से पहले ही पेयजल को लेकर सामने आई समस्या
गर्मी प्रारम्भ होते ही पानी की समस्याएं सामने आने लगती है। बता दें कि भयंकर गर्मी के दौर में यानि जून, जुलाई के महीने में पीने के पानी के लिए त्राही त्राहि मच जाती है।लेकिन अभी यानि अप्रैल महीने में ही पानी की परेशानी आने लगी है। ऐसे में जून,जुलाई का समस्य कैसे कटेगा।जानकारी के मुताबिक राजसमंद जिले के लोगों को अधिकांश पीने के पानी के लिए मशक्कत करना पड़ता है। बता दें कि राजसमंद शहर में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी आता है।तो वहीं आमेट में अब 5 दिन में एक बार पानी आ रहा है।तो वहीं भीम में 7 दिन में दो बार पानी आता है।बता दें कि जिले में यह हाल जब है जब बाघेरी नाका डैम और नंदसमंद डैम और राजसमंद झील में अभी पानी भरा हुआ है।इन डैम में पानी जैसे ही कम होता है तो पानी की भारी किल्लत सामने आ जाती है।
बता दें कि पीने के पानी की किल्लत का एक ऐसा ही मुद्दा नाथद्वारा विधानसभा के भीतर आने वाले देलवाड़ा से सामने आया है। बता दें कि देलवाड़ा की ग्राम पंचायत बिलोता के मजेरा गांव में पानी नहीं आने के चलते गांव के ग्रामीण काफी परेशान है।
पानी नहीं आने के चलते गांव की महिलाएं ज्यादातर परेशान है और गांव में अभी से ही पानी के त्राहि त्राहि मची हुई है ऐसे में अभी जून, जुलाई भयंकर गर्मी वाले महीने शेष पड़े हैं।बता दें कि मजेरा गांव में लगभग 50 से 60 घरों की बस्ती है।गांव के भैरूलाल डांगी का बोलना है कि पानी की समस्या को लेकर गांव के सरपंच और 181 पर भी कम्पलेन की गई लेकिन इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है।वहीं ग्रामीणों का बोलना है कि पानी की जो सप्लाई करता है उसके द्वारा भी सप्लाई ठीक समय पर नहीं दी जा रही है। गुस्साए ग्रामीणों का यह भी बोलना है कि बाघेरी और कुआं से पानी सप्लाई के लिए गांव में सोलर चलता है।दोनों को ही सप्लाई 10 दिनों से बंद पड़ी हुई है जिससे स्त्रियों को और गांव के लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।पानी के लिए लोगों को इधर से उधर भटकना पड़ रहा है और जो हेड पंप है वह भी खराब पड़े हुए हैं।ऐसे में बच्चों के लिए पीने का पानी, नहाने का पानी और शौचालय का पानी के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा ह