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योग गुरु बाबा रामदेव को ‘घोर उल्लंघन’ मामले में लगाई फटकार

 झूठे विज्ञापन मुद्दे में उच्चतम न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव को ‘घोर उल्लंघन’ मुद्दे में फटकार लगाई, सुप्रीम न्यायालय भारतीय मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दाखिल एक मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है जिसमें इल्जाम लगाया गया है कि बाबा रामदेव का संगठन कोविड-19 वैक्सीन और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के विरुद्ध बदनामी फैला रहा है.

इस मुद्दे में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न पतंजलि कंपनी पर मानहानि का केस किया जाए इसके बाद आज (मंगलवार) बाबा रामदेव और पतंजलि कंपनी के डेवलपमेंट डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण न्यायालय में पेश हुए. उस समय, रामदेव के वकील ने न्यायालय से उनकी पर्सनल उपस्थिति और उनकी बिना शर्त माफी पर ध्यान देने का निवेदन किया. इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘बाबा रामदेव की बिना शर्त माफी केवल दिखावा है.

सुप्रीम न्यायालय ने बाबा रामदेव की कंपनी को न्यायालय को दिए गए आश्वासनों का पालन करने का निर्देश देते हुए बोला कि आप हर बाधा का उल्लंघन कर रहे हैं. यह घोर उल्लंघन है इसमें बोला गया, “न सिर्फ़ उच्चतम न्यायालय के आदेशों का, बल्कि राष्ट्र की सभी अदालतों के आदेशों का सम्मान किया जाना चाहिए. साथ ही उच्चतम न्यायालय ने बाबा रामदेव को अवमानना ​​कार्यवाही पर उत्तर देने का एक और मौका देते हुए सुनवाई 10 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी

इससे पहले 21 नवंबर 2023 को पतंजलि कंपनी ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेगी उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति हिमा हॉगली की अध्यक्षता वाली पीठ ने आश्वासन दिया कि मीडिया में अन्य चिकित्सा प्रणालियों के विरुद्ध कोई भी बयान प्रकाशित नहीं किया जाएगा. हालाँकि, उच्चतम न्यायालय ने पाया कि पतंजलि ने उसके आदेशों का उल्लंघन किया है. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को 19 मार्च को पर्सनल रूप से पेश होने का आदेश दिया.

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