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भारत में पहली बार बन रहा अलग तरह का रेल ट्रैक

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बनाए जा रहे हिंदुस्तान के पहले गिट्टी रहित ट्रैक सिस्टम का एक वीडियो शेयर किया मंत्री वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन के लिए एक बड़ी प्रगति हासिल की गई है, जिसे 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाना है वैष्णव के अनुसार 295.5 किमी के पियर और 153 किमी के वायाडक्ट का काम पहले ही पूरा हो चुका है उन्होंने अपने एक्स एकाउंट पर इसका एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि ‘बुलेट ट्रेन के लिए हिंदुस्तान का पहला गिट्टी के बगैर ट्रैक 320 किमी प्रति घंटे की गति सीमा, 153 किमी का वायाडक्ट पूरा, 295.5 किमी का पियर का काम पूरा मोदी 3.0 में और भी बहुत कुछ आने वाला है

गौरतलब है कि हाई-स्पीड रेल लाइनों के लिए कुछ राष्ट्रों में गिट्टी रहित ट्रैक या ‘स्लैब ट्रैक’ की लोकप्रियता बढ़ रही है विशेष रूप से यह पहली बार है, जब हिंदुस्तान में जे-स्लैब गिट्टी रहित रेल ट्रैक का इस्तेमाल किया जा रहा है इस इनोवेटिव ट्रैक सिस्टम में पहले से बने बनाए ट्रैक स्लैब हैं यह स्लैब आरसी ट्रैक बेड पर टिका होता है, जिसकी मोटाई लगभग 300 मिमी होती है इस पर भिन्न-भिन्न अप और डाउन ट्रैक लाइनों के लिए पटरियां बनाई गईं हैं नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बोला कि आरसी ट्रैक बेड की चौड़ाई 2420 मिमी है, जो स्थिरता सुनिश्चित करती है

ल मंत्री वैष्णव ने पहले भी बोला था कि बुलेट ट्रेन परियोजना को अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने के नजरिए से देखा जाना चाहिए पहले गलियारे में भारतीय रेलवे मुंबई, ठाणे, वापी, बड़ौदा, सूरत, आनंद और अहमदाबाद में काम कर रही है इससे ये सभी अर्थव्यवस्थाएं एक एकल अर्थव्यवस्था बन जाएंगी आप सूरत में नाश्ता कर सकते हैं, मुंबई जाकर अपना काम पूरा कर सकते हैं और रात में अपने परिवार के पास वापस आ सकते हैं उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान के पहले बुलेट ट्रेन गलियारे की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से केंद्र गवर्नमेंट 10,000 करोड़ देने के लिए प्रतिबद्ध है जबकि गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें भी अपनी ओर से 5,000, करोड़ का सहयोग देंगी बाकी धनराशि जापान से न्यूनतम 0.1 फीसदी ब्याज रेट पर ऋण के जरिये हासिल की

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