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‘प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश करना राजद्रोह’, दिल्ली हाई कोर्ट ने की अहम टिप्पणी

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएम के विरुद्ध किसी भी षड्यंत्र को लेकर बड़ी टिप्पणी की है दिल्ली उच्च न्यायालय (उच्च न्यायालय) ने बुधवार को बोला कि पीएम के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के इल्जाम देशद्रोह के समान हैं और बिना किसी ठोस सामग्री के गैरजिम्मेदाराना ढंग से इल्जाम नहीं लगाए जा सकते दरअसल, न्यायालय बीजद यानी बीजू जनता दल सांसद पिनाकी मिश्रा द्वारा वकील जय अनंत देहाद्राई के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई कर रही थी

दरअसल, बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने वकील जय अनंत देहाद्राई के कथित मानहानिकारक ट्वीट और बयानों को लेकर याचिका दाखिल की है न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने बोला कि देहाद्राई को ऑफिसरों से की गई अपनी कम्पलेन के नतीजे का प्रतीक्षा करना चाहिए न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘जब आप पीएम के विरुद्ध षड्यंत्र कहते हैं, तो यह कठिनाई वाली बात है…प्रधानमंत्री के विरुद्ध षड्यंत्र राज्य के विरुद्ध क्राइम है, देशद्रोह है

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह भी कहा, ‘इसका आम जनता पर गंभीर असर होगा… यह सब कहने से पहले जांच (पूरी होने का) का प्रतीक्षा करें’ इसके बाद जय अनंत देहाद्राई और उनके वकील ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक पिनाकी मिश्रा द्वारा पीएम के विरुद्ध ‘साजिश रचने’ के बारे में कोई और बयान नहीं देंगे इस पर न्यायालय ने कहा, ‘प्रतिवादी की ओर से पेश हुए श्री (राघव) अवस्थी ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वादी पर पीएम के विरुद्ध किसी षडयंत्र में शामिल होने का कोई इल्जाम नहीं लगाया जाएगा

अदालत ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का इल्जाम प्रथम दृष्टया गंभीर इल्जाम है यह देशद्रोह के समान है पीएम के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का इल्जाम गैर-जिम्मेदाराना ढंग से नहीं लगाया जा सकता और यह ठोस कारणों पर आधारित होना चाहिए’ प्रतिवादी के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए, न्यायालय ने देहाद्राई और दो मीडिया घरानों को नोटिस जारी किया मुद्दे में अगली सुनवाई जुलाई में होगी

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