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देवेंद्र दर्डा और मनोज कुमार जायसवाल को दो दिन जेल के बाद मिली अंतरिम जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा (Vijay Darda), उनके पुत्र देवेंद्र दर्डा (Devendra Darda) और व्यवसायी मनोज कुमार जायसवाल (Manoj Kumar Jayaswal) को दो दिन कारावास में गुजराने के बाद शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. इन्हें छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से जुड़े मुद्दे (Coal Scam Case ) में चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मुद्दे में अपनी दोषसिद्धि और सजा के विरुद्ध तीन लोगों द्वारा दाखिल अपील पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी कर उत्तर मांगा.

अदालत ने चार वर्ष की कैद की सजा को निलंबित करने की दोषियों की मांग वाली याचिका पर भी CBI से उत्तर देने को कहा.  न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “ इस बात को मद्देनजर रखते हुए कि अपीलकर्ताओं को सुनवाई के दौरान कभी अरैस्ट नहीं किया गया और उन्होंने ज़मानत का दुरुपयोग नहीं किया, उन्हें 10 लाख रुपये का निजी मुचलका पेश करने पर अंतरिम ज़मानत प्रदान की जाती है.

निचली न्यायालय द्वारा 26 जुलाई को आदेश पारित करने के बाद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा और जयसवाल को तुरन्त हिरासत में ले लिया गया था. तीन दोषियों को सज़ा सुनाते हुए निचली न्यायालय ने बोला था कि दोषियों ने हिंदुस्तान गवर्नमेंट से ‘‘धोखा करके” कोयला ब्लॉक हासिल किया. निचली न्यायालय ने पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और दो पूर्व वरिष्ठ लोक सेवकों- के एस क्रोफा और के सी समरिया को भी मुद्दे में तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई.

हालांकि, इन तीनों दोषियों को न्यायालय ने जमानत दे दी, ताकि वे अपनी दोषसिद्धि और सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकें. न्यायालय ने मुद्दे में गुनेहगार ठहराई गई कंपनी ‘जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड’ पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.  न्यायालय ने दर्डा, उनके बेटे तथा जायसवाल पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अन्य तीन दोषियों को भी 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया.

उच्च कोर्ट में सुनवाई के दौरान, विजय दर्डा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कीर्ति उप्पल ने चिकित्सा आधार पर उनकी सजा को निलंबित करने का आग्रह किया और बोला कि 73 वर्षीय आदमी दिल संबंधी रोंगों से पीड़ित हैं. उन्होंने बोला कि निचली न्यायालय ने स्वयं इस तथ्य पर विचार किया था कि सरकारी खजाने को कोई गलत हानि नहीं हुआ था और आरोपी व्यक्तियों को कोई गलत फायदा नहीं हुआ था.

देवेंद्र दर्डा और जायसवाल की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने दलील दी कि लोक सेवकों को मुख्य आरोपी माना था और उन्हें तीन वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई है, लेकिन दंग करने वाली बात यह है कि निजी व्यक्तियों को चार-चार वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई है.  उन्होंने दलील दी कि आरोपियों को कभी भी अरैस्ट नहीं किया गया और वे मुकदमे के दौरान ज़मानत पर थे और उन्होंने कभी भी ज़मानत का दुरुपयोग नहीं किया.

सीबीआई का अगुवाई कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा और वकील तरन्नुम चीमा ने बोला कि ये मुद्दे कोयला घोटाले का हिस्सा हैं और इसकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नज़र की गई.  वकील ने बोला कि निचली न्यायालय ने तार्किक निर्णय दिया है और CBI की तरफ से विस्तृत उत्तर दाखिल करने का समय मांगा. विजय दर्डा और देवेंद्र दर्डा और जायसवाल को अंतरिम जमानत देते हुए, हाई कोर्ट ने उनसे बोला कि वे निचली न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना राष्ट्र नहीं छोड़ेंगे और जब भी आवश्यकता होगी वे मौजूद रहेंगे.

निचली न्यायालय ने अपने निर्णय में बोला था, ‘‘मौजूदा मुद्दा कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है. दोषियों ने हिंदुस्तान गवर्नमेंट के साथ फर्जीवाड़ा करके उक्त ब्लॉक हासिल किया था. अभियोजन पक्ष का यह बोलना मुनासिब है कि देश को भारी क्षति हुई.” कोयला घोटाले में 13वीं दोषसिद्धि में न्यायालय ने 13 जुलाई को सात आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) एवं धारा 420 (जालसाजी) और करप्शन निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार गुनेहगार ठहराया था.

कोयला भ्रष्टाचार केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह गवर्नमेंट के कार्यकाल में सामने आया था. न्यायालय ने 20 नवंबर, 2014 को मुद्दे में CBI द्वारा प्रस्तुत ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और संघीय जांच एजेंसी को इसकी नये सिरे से जांच करने का निर्देश दिया था. न्यायालय से बोला गया था कि पूर्व सांसद ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को “गलत ढंग से प्रस्तुत” किया था. कोयला मंत्रालय तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के अधीन था. न्यायालय ने बोला कि लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के लिए छत्तीसगढ़ में फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक लेने के लिए ऐसा किया था.

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