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जस्टिन ट्रूडो ने फिर भारत को चिढ़ाया, कहा…

कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो ने एक बार फिर से हिंदुस्तान को चुभने वाला बयान दिया है. उन्होंने बोला कि हमारी गवर्नमेंट ने अपने नागरिकों के अधिकारों की आवाज उठाई, भले ही उससे हिंदुस्तान की नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट को चिढ़ हुई हो. कनाडा के आंतरिक मामलों में हिंदुस्तान के दखल के आरोपों पर प्रश्न पूछे जाने पर जस्टिन ट्रूडो ने यह बात कही. बीते वर्ष सितंबर से ही दोनों राष्ट्रों के बीच खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर को लेकर तनाव की स्थिति है. कनाडा ने इस मुद्दे में भारतीय एजेंट्स का हाथ होने का इल्जाम लगाया था. इसे लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्रों की भी प्रतिक्रिया आई थी.

भारत ने निज्जर हत्याकांड से अपना ताल्लुक बताने की खबरों को खारिज किया था तो वहीं ट्रूडो गवर्नमेंट से सबूत भी मांगे थे. अब तक जस्टिन ट्रूडो की गवर्नमेंट इस मुद्दे में कोई सबूत नहीं दे पाई है. फिर भी जस्टिन ट्रूडो हिंदुस्तान पर इल्जाम लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि पिछले दिनों उनकी गवर्नमेंट ने कनाडा चुनाव में हिंदुस्तान के दखल के इल्जाम लगाए थे. हालांकि जांच में ऐसे इल्जाम गलत पाए घए. जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ‘पहले की कंजरवेटिव गवर्नमेंट हिंदुस्तान की मौजूदा गवर्नमेंट के साथ नरम रिश्तों के लिए जानी जाती थी. लेकिन हमारी गवर्नमेंट कनाडा के अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. भले ही हिंदुस्तान को बुरा लगे, लेकिन हम उनकी आवाज उठाएंगे.

जस्टिन ट्रूडो ने नाम नहीं लिया, लेकिन उसका साफ इशारा सिख समुदाय को लेकर था. हालांकि उनका यह दावा भी गलत है क्योंकि वह खालिस्तानियों और सिख समुदाय को आपस में जोड़ते नजर आए. बता दें कि जस्टिन ट्रूडो की कनाडा में ही एक वर्ग और विपक्ष ने हिंदुस्तान पर बेजा इल्जाम लगाने के लिए तीखी निंदा की है. उन्होंने बीते वर्ष 18 सितंबर को कनाडा की संसद में बोला था कि हमारे पास विश्वसनीय सबूत हैं कि हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर और भारतीय एजेंट्स के बीच ताल्लुक है. उनके इस इल्जाम क बाद कनाडा और हिंदुस्तान के संबंध निचले स्तर पर आ गए थे. यही नहीं हिंदुस्तान ने कनाडा के 41 राजनयिकों को राष्ट्र निकाला दे दिया था.

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