गुजरात में भाजपा के विधायक केतन इनामदार नेराज्य विधानसभा से दे दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव की तारीखों का घोषणा होते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलने लगे हैं. अभी तक जहां कांग्रेस पार्टी पार्टी के नेता उनका साथ छोड़ रहे थे. वहीं अब बीजेपी (भाजपा) को भी झटका लगा है. लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में बीजेपी के विधायक केतन इनामदार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा से त्याग-पत्र दे दिया.
वडोदरा जिले की सावली विधानसभा क्षेत्र में यदि जाएंगे तो शायद ही कोई ऐसा होगा जो केतन इनामदार को नहीं जानता होगा. समर्थकों और प्रशंसकों के लिए केतन इनामदार ‘छोटे सरकार’ हैं, तो वहीं विपक्ष के लिए ऐसी चुनौती जिसका कोई तोड़ नहीं है. पहली बार निर्दलीय जीतकर केसरिया इश्क में रंगे केतन इनामदार दो बार भाजपा से जीत चुके हैं. सावली की राजनीति में जो वर्तमान हालात है उसके हिसाब से केतन को अभी कोई खतरा नहीं है. वे वडोदरा की सांसद रंजनबेन भट्ट के काफी करीबी हैं. केतन उन्हें बहन मानते हैं. केतन भले ही ग्रामीण की विधानसभा से विधायक हैं लेकिन उनकी सक्रियता शहर में भी दिखती है.
अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी
इनामदार वडोदरा जिले की सावली सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को सौंपा. उन्होंने पत्र में बोला कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर त्याग-पत्र दे रहे हैं.
तीन बार जीत चुके हैं इनामदार
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