खुशी-खुशी रूस गया था 19 साल का हर्ष, मां को फोन पर रोते-रोते…
करनाल। हरियाणा के करनाल का 19 वर्ष का हर्ष खुशी-खुशी रूस गया था। लेकिन अब वहां फंस गया है। परिवार उसे हिंदुस्तान वापस लाने के लिए गवर्नमेंट से गुहार लगा रहा है। वह रूस घूमने के लिए गया था। लेकिन अब वहीं, फंस गया है।
जानकारी के अनुसार, करनाल के सांभली गांव का 19 वर्ष का हर्ष घूमने और अपने पासपोर्ट को मजबूत करने के लिए उद्देश्य से रूस गया था। रूस जाने के बाद हर्ष की जीवन में सब ठीक चल रहा था। वो रूस में घूम रहा था, लेकिन एक दिन वो किसी एजेंट के संपर्क में आया। हर्ष के साथ पंजाब के कुछ युवा और भी थे। उस एजेंट ने उन्हें ये कहा कि वो उन्हें बेलारूस भी घुमा देगा।
बेलारूस के लिए अलग वीजा चाहिए होता है। ये बात हर्ष और उसके बाकी साथियों को नहीं मालूम थी, जिसके बाद उन्हें बेलारूस के रास्ते में पड़ने वाले जंगलों में छोड़ दिया जाता है। वहां उन्हें रूस की पुलिस हिरासत ने ले लिया है। और फिर कारावास में बंद कर दिया जाता है। बाद में हर्ष को आर्मी के हैंड ओवर कर दिया गया था।
हर्ष और उसके साथ उपस्थित युवकों के साथ रशियन आर्मी ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया कि वे एक वर्ष के लिए रूस की सेना के लिए हेल्पर के तौर पर काम करेंगे। वहां रूस की सेना उन्हें बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी। करीब 15 दिन की ट्रेनिंग दे गई। उसके बाद उनके हाथ में बंदूक थमा दी गई। उन्हें यूक्रेन और रूस के बॉर्डर पर खड़ा कर दिया गया
सीएम बोले-मुझे जानकारी नहीं है
हर्ष को ट्रेनिंग में खाने के लिए बीफ दिया जाता था, लेकिन उसने वो नहीं खाया , अब बॉर्डर पर उन्हें खड़ा किया गया है। उन्हें एक कार्ड दे दिया गया है कि बाहर स्टोर से कुछ भी खा पी सकते हैं। परिवार में चिंता काफी बढ़ी हुई है। मां परेशान और पिता भावुक हैं। भाई प्रयास में लगा है कि उसका भाई वापिस आ जाए। फिलहाल, एंबेसी से कम्पलेन मेल के जरिये की है। जब भी टेलीफोन पर बात होती है तो हर्ष रोने लग जाता और वहां का हाल बताता है। वहां से सभी साथियों ने मिलकर एक वीडियो भी बनाया है कि गवर्नमेंट इनकी सहायता करे। उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी करनाल में जब हर्ष से जुड़ा प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने बोला कि हमारे संज्ञान में ये मुद्दा नहीं था। अब आया है तो प्रयास करेंगे। वहीं, रूस में फंसे हर्ष के भाई और पिता से सांसद संजय भाटिया ने मुलाकात की।