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‘इस्लामोफोबिया’ संबंधी प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत, कहा…

संयुक्त देश में हिंदुस्तान की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने 15 मार्च को न्यूयॉर्क में संयुक्त देश में यहूदी विरोधी भावना और इस्लामोफोबिया पर कड़ी बात की हिंदुस्तान ने ‘इस्लामोफोबिया’ को लेकर संयुक्त देश महासभा में पाक की ओर से पेश और चीन द्वारा सह-प्रायोजित मसौदा प्रस्ताव से दूरी बनाते हुए बोला कि सिर्फ़ एक धर्म के बजाय हिंदू, बौद्ध, सिख और अत्याचार और भेदभाव का सामना करने वाले अन्य धर्मों के विरुद्ध धार्मिक भय की व्यापकता को भी स्वीकार किया जाना चाहिए
इस दौरान जब पाक के दूत ने अयोध्या में स्थित राम मंदिर का जिक्र किया तो हिंदुस्तान ने कड़ी विरोध जताई

यूएन में पेश किया गया इस्लामोफोबिया से निपटने का प्रस्ताव

शुक्रवार को 193 सदस्यीय महासभा ने पाक द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव इस्लामोफोबिया से निपटने के तरीका को स्वीकृति दी 115 राष्ट्रों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, किसी ने भी विरोध नहीं किया और भारत, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूक्रेन तथा ब्रिटेन समेत 44 राष्ट्र मतदान से दूर रहे
संयुक्त देश में हिंदुस्तान की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने यहूदी-विरोध, ‘ईसाईफोबिया’ और इस्लामोफोबिया (इस्लाम के प्रति पूर्वाग्रह) से प्रेरित सभी कृत्यों की आलोचना की उन्होंने बोला कि यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि इस तरह का ‘फोबिया’ (पूर्वाग्रह) अब्राहिमी धर्मों से परे भी फैला हुआ है

अन्य धर्म भी भेदभाव और अत्याचार का सामना कर रहे हैं

उन्होंने प्रस्ताव के बारे में हिंदुस्तान के रुख को लेकर स्पष्टीकरण में कहा,“स्पष्ट साक्ष्यों से पता चलता है कि दशकों से, गैर-अब्राहिमी धर्मों के अनुयायी भी धार्मिक पूर्वाग्रह से प्रभावित हुए हैं इससे विशेष रूप से हिंदू विरोधी, बौद्ध विरोधी और सिख विरोधी धार्मिक पूर्वाग्रह के समकालीन रूपों का उदय हुआ है
कंबोज ने कहा, “इस्लामोफोबिया का मामला निस्संदेह जरूरी है, लेकिन हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि अन्य धर्म भी भेदभाव और अत्याचार का सामना कर रहे हैं अन्य धर्मों के सामने आने वाली समान चुनौतियों की उपेक्षा करके सिर्फ़ इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए संसाधनों का आवंटन अनजाने में बहिष्कार और असमानता की भावना को कायम रख सकता है

एक धर्म के बजाय सभी धर्मों के प्रति धार्मिक पूर्वाग्रह की व्यापकता को स्वीकार करें

उन्होंने कहा, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि पूरे विश्व में 1.2 अरब से अधिक अनुयायियों वाला हिंदू धर्म, 53.5 करोड़ से अधिक अनुयायियों वाला बौद्ध धर्म और तीन करोड़ से अधिक अनुयायियों वाला सिख धर्म, सभी धार्मिक पूर्वाग्रह की चुनौती का सामना कर रहे हैं अब समय आ गया है कि हम एक धर्म के बजाय सभी धर्मों के प्रति धार्मिक पूर्वाग्रह की व्यापकता को स्वीकार करें

अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का यूएन में जिक्र

इस दौरान पाक के दूत मुनीर अकरम ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम और नागरिकता संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन का भी जिक्र किया
इस पर विरोध जताते हुए कंबोज कहा, मेरे राष्ट्र से संबंधित मामलों पर इस (पाकिस्तानी) प्रतिनिधिमंडल के सीमित और गुमराह दृष्टिकोण से रूबरू होना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है (प्रतिनिधिमंडल ने) खासकर ऐसे समय पर महासभा में यह जिक्र छेड़ा है जब यह ऐसे मुद्दे पर विचार कर रही, जिसमें सभी सदस्यों से ज्ञानवर्धक, गहन और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण पेश करने की आशा की जा रही है शायद प्रतिनिधिमंडल को इसमें महारत हासिल नहीं है

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