राष्ट्रीय

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से खड़ी हुई मुश्किले

ED Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार देर शाम अरैस्ट कर लिया प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें दिल्ली शराब नीति मुद्दे में अरेस्ट किया है न्यायालय से यदि राहत नहीं मिलती है तो उन्हें कारावास जाना पड़ सकता है वहीं आम आदमी पार्टी के अनेक नेता लगातार दावे के साथ कह रहे हैं कि केजरीवाल सीएम पद से त्याग-पत्र नहीं देंगे बल्कि कारावास से ही गवर्नमेंट चलाएंगे

हालांकि कारावास मैनुअल के हिसाब से ये संभव नज़र नहीं आता, क्योंकि सीएम का काम केवल कागज और फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं होता है, मुख्यमंत्री के जिम्मे कई सारे काम होते हैं, जिनमें ऑफिसरों से चर्चा करना, कैबिनेट मीटिंग करना और एडवोकेट जनरल से राय लेना है कारावास में रहते हुए ये सारे काम व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं है

उनकी स्थान कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
ऐसे में प्रश्न ये है कि यदि केजरीवाल को त्याग-पत्र देना पड़ता है तो उनकी स्थान कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले ही आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता कारावास में हैं, जिनमें शामिल हैं पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इसके चलते आम आदमी पार्टी पहले से नेतृत्व के संकट से जूझ रही है, और अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से कठिन खड़ी हो गई है

लेकिन सूत्रों की माने तो अरविंद कजरीवाल को त्याग-पत्र देने की नौबत आती है तो फिर दिल्ली की कमान एक बार फिर स्त्री सीएम के हाथों में जा सकती है
– दिल्ली गवर्नमेंट में मंत्री आतिशी को सीएम बनाए जाने की चर्चा काफी तेज़ है
– शिक्षा, PWD और वित्त जैसे अहम विभागों के साथ ही दिल्ली गवर्नमेंट के सर्वाधिक 14 विभाग आतिशी के पास हैं
– आतिशी को अरविंद केजरीवाल के करीबी नेताओं में गिना जाता है
– वो आम आदमी पार्टी की स्त्री चेहरा हैं और दिल्ली में केजरीवाल की शिक्षा मॉडल के पीछे उनका अहम रोल रहा है
– आतिशी ने 2019 में पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सकी थीं
वर्ष 2020 में आतिशी पहली बार विधायक बनीं
– जबकि मनीष सिसोदिया के कारावास जाने और कैबिनेट से त्याग-पत्र देने के बाद वो मंत्री बनी हैं
– आतिशी को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह गवर्नमेंट चलाने में केजरीवाल का बढ़-चढ़कर योगदान करते देखा गया है
– यही नहीं, प्रमुख विभाग संभालने के कारण उनका अनुभव भी अधिक है
– वैसे, आतिशी यदि सीएम बनती हैं तो दिल्ली को सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी स्त्री सीएम मिलेगी

महिला के हाथों में भी जा सकती है जो
वैसे सूत्रों की मानें तो यदि अरविंद केजरीवाल त्याग-पत्र देते हैं तो दिल्ली की कमान एक ऐसी स्त्री के हाथों में भी जा सकती है जो ना केवल केजरीवाल के काम करने के ढंग को भली–भाँति जानती हैं, बल्कि बोला तो यहां तक जाता है कि वो अनौपचारिक रूप से गवर्नमेंट के कामकाज भी देखती रही हैं

कौन- कौन है इस रेस में ?
दिल्ली गवर्नमेंट और आम आदमी मार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हड़कंप मच गया आम आदमी पार्टी के नेता सड़कों पर उतर गए और अपने मुखिया की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन करने लगे  अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी…हंगामा… नारेबाज़ी…और ये सियासत…सबकुछ अपनी स्थान है लेकिन, एक प्रश्न जो सबके जहन में है, वो ये कि केजरीवाल ने यदि त्याग-पत्र दिया तो उनकी स्थान कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री तो आपको बता दें कि इस रेस में…

सवाल ये है कि सुनीता केजरीवाल एक्टिव राजनीति में आएंगी या नहीं क्या सुनीता केजरीवाल सीएम की ज़िम्मेदारी संभाल सकती हैं सूत्रों की मानें तो
– भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता अरविंद केजरीवाल के साथ अनौपचारिक रूप से गवर्नमेंट के कामकाज देखती रही हैं
– वहीं करीब दस सालों से एक सियासी परिवार का हिस्सा होने के कारण उनकी सियासी समझ पर भी प्रश्न नहीं उठाया जा सकता
– जबकि, पार्टी के कार्यकर्ता भी अरविंद केजरीवाल की गैर मौजूदगी में सुनीता में अपना नेतृत्व देखते हैं

गोपाल राय और आतिशी से ज़्यादा सुनीता केजरीवाल के नाम की ही चर्चा क्यों?
ऐसा क्यों बोला जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी को सीएम बना सकते हैं?
यदि सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री बनती हैं तो गवर्नमेंट का कंट्रोल केजरीवाल के परिवार के पास ही रहेगा
– केजरीवाल की गैर मौजूदगी में भी पार्टी और गवर्नमेंट पर अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, लेकिन अरविंद केजरीवाल का ही कंट्रोल होगा
– सुनीता केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से जनता को सीधा संदेश जाएगा कि गवर्नमेंट एक तरह से केजरीवाल ही चला रहे हैं
– यही नहीं सुनीता केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से अरविंद केजरीवाल को जनता की सहानुभूति हासिल होगी
– जबकि, इस सहानुभूति का इस्तेमाल कर सुनीता केजरीवाल भी एक्टिव राजनीति में अपने कदम मजबूती से आगे बढ़ा पाएंगी

लालू ने पत्नी राबड़ी को मुख्यमंत्री बना दिया था
वैसे बिहार में भी ऐसा उदाहरण देखने को मिल चुका है कभी सीएम रहे लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था यही नहीं, हाल ही में झारखंड में सीएम रहे हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और त्याग-पत्र होने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर ली गई थी हालांकि, भाभी सीता सोरेन के विरोध करने पर परिवार के विश्वस्त चंपाई सोरेन को सीएम बनाया गया

हालांकि इसमें थोड़ा रिस्क है
ऐसे में बहुत संभव है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को सीएम बना दें हालांकि, इसमें भी थोड़ा रिस्क है रिस्क ये कि भाजपा अरविंद केजरीवाल पर परिवारवाद का इल्जाम लगा सकती है भाजपा उन्हें परिवारवाद को बढ़ावा देने के मामले पर घेर सकती है लिहाज़ा, कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आतिशी या गोपाल राय में से किसी एक को सीएम बनाया जाए, और सुनीता केजरीवाल को पार्टी में राष्ट्रीय संयोजक जैसी कोई अहम जिम्मेदारी दी जाए, ताकि वो गवर्नमेंट से बाहर रहते हुए भी उसपर कंट्रोल रख सकें

Related Articles

Back to top button