Vivah Muhurat 2024: अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्यक्रम
Vivah Muhurat 2024: खरमास की समापन के बाद मांगलिक कार्यक्रमों की आरंभ हो गयी थी, इसमे सनातन धर्मावलंबियों के शुभ कार्य में शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, भूमि पूजन, गृहप्रवेश आदि हो रहा था। 28 अप्रैल को इस महीने का आखिरी लग्न-मुहूर्त है, इसके बाद दो मास मई और जून में दो प्रमुख ग्रह के अस्त हो जाने से मांगलिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस अवधि में विवाह शादी जैसे शुभ कार्यों पर रोक लगी रहेगी। वहीं जुलाई से नवंबर तक चातुर्मास के कारण विवाह-शादियों जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। आइए जानते है मिथिला और बनारसी पंचांग के मुताबिक कुल विवाह शादी के मुहूर्त कितने है-
मई और जून में नहीं होगे शादी संस्कार
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शादी संस्कार के शुभ योग के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ होना महत्वपूर्ण है। वैसे 29 अप्रैल दिन सोमवार को पूर्व दिशा मे शुक्र ग्रह अस्त हो रहे है। फिर छह मई को पश्चिम दिशा में गुरु ग्रह अस्त हो जायेगा। इन दो प्रमुख ग्रहों के अस्त हो जाने से मांगलिक कार्यक्रम पर ब्रेक लग जायेगा। प्रमुख ग्रहों के अस्त या नीच होने की स्थिति में शादी का शुभ मुहूर्त नहीं होता है। जुलाई महीने में शुक्र के उदय होने के बाद शादी-ब्याह का सिलसिला प्रारम्भ हो जायेगा। फिर 17 जुलाई को हरिशयन एकादशी के बाद से चार महीने के लिए मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।
चातुर्मास के कारण 16 जुलाई से 12 नवंबर तक नहीं होंगे विवाह
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी यानि आषाढ़ शुक्ल एकादशी है। वहीं 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी यानि कार्तिक शुक्ल एकादशी है। 17 जुलाई देवशयनी एकादशी यानि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर तक चार माह देव शयन काल होता है, इस अवधि में शादी समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। चातुर्मास के कारण 16 जुलाई से 12 नवंबर तक भी शादी नहीं होंगे। शादी के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना महत्वपूर्ण होता है, इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में शादी का मुहूर्त नहीं बनता है। देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव को शादी के लिए कारक माना जाता है। यदि किसी आदमी की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में हैं तो जल्द विवाह के योग बनते हैं, इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर शादी में बाधा आने लगती है।
मिथिला पंचांग में 3 तो बनारसी में 7 लग मुहूर्त
जुलाई महीने में शुक्र के उदय होने के बाद शादी-ब्याह का सिलसिला प्रारम्भ हो जायेगा। पंचांगीय गणना के मुताबिक मिथिला पंचांग में जुलाई में कुल 3 लग मुहूर्त है। वहीं बनारसी पंचांग मे 7 मुहूर्त है।
मिथिला पंचांग के मुताबिक : मई: 1, जुलाई: 10,11,12
बनारसी पंचांग के अनुसार : जुलाई: 9, 10, 11, 12, 13, 14 और 15, नवंबर: 16,17, 22, 23, 24, 25, 26, 28 और 29 और दिसंबर: 2, 3 ,4, 5, 9, 10, 11, 14 और 15
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