यूजीसी ने मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियमों में किए ये बदलाव
UGC Guidelines: विवि और कॉलेजों को अब यूजीसी आर्थिक सहायता और मान्यता के लिए अपने यहां स्वीकृत पदों के खिलाफ कम से कम 75% पद नियमित शिक्षकों से भरना होगा। इसके अतिरिक्त विवि और कॉलेजों को नैक/एनबीए/एनआइआरएफ रैंकिंग प्राप्त करना महत्वपूर्ण होगा। यूजीसी ने फिटनेस ऑफ कॉलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल का ड्राफ्ट जारी किया है। साथ ही आम लोगों, शिक्षाविदों और संस्थानों से चार मार्च तक इस ड्राफ्ट पर सुझाव या प्रतिक्रिया भी आमंत्रित किया है।
यूजीसी ने बदले नियम
यूजीसी ने मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियमों में परिवर्तन किया है। कॉलेज में यूजीसी से राशि पाने के लिए तीन से अधिक कार्यक्रमों की पेशकश करनी होगी और कम से कम 60% को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। यदि प्रस्तावित कार्यक्रमों की संख्या तीन से कम है, तो हर कार्यक्रम को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान या राज्य गवर्नमेंट के मानदंडों का पालन करना होगा। साथ ही केंद्र और राज्य गवर्नमेंट की आरक्षण नीति का पालन करना होगा। विवि या कॉलेज को एनआइआरएफ रैंकिंग में शामिल होना होगा। यदि उसने पांच बार भाग लिया है, तो उसे कम से कम तीन बार रैंकिंग सूची में आना होगा। यदि उसने सिर्फ़ तीन बार भाग लिया है, तो उसे सूची में दो बार शामिल होना होगा।
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 75% नियमित शिक्षकों के पद भरे रहने पर मिलेगा यूजीसी अनुदान
- हर विवि और कॉलेज का नैक, एनबीए और एनआइआरएफ से रैंकिंग जरूरी
- यूजीसी ने फिटनेस ऑफ कॉलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स ड्राफ्ट किया जारी
निर्धारित शुल्क ही ले पायेंगे संस्थान
यूजीसी ने निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों से सिर्फ़ वही शुल्क लेना होगा, जो केंद्र, राज्य या विवि स्तर पर निर्धारित होगा। इसके अतिरिक्त कोई अन्य शुल्क नहीं लेना होगा। हर विवि और कॉलेज में विकास के लिए संस्थान विकास योजना तैयार करना होगा।