इस दिन रखा जाएगा नवंबर का आखिरी प्रदोष व्रत
माना जाता है कि यदि आप ईश्वर शिव को सच्चे मन से जलार्पण करते हैं या पूजा करते हैं तो आपकी इच्छा जरूर पूर्ण होती है, क्योंकि ईश्वर भोलेनाथ बहुत ही भोले होते हैं वो अपने भक्तों की शीघ्र सुनते हैं। प्रदोष के दिन व्रत रखकर ईश्वर शिव की पूजा करनी चाहिए। वहीं हिन्दू धर्म में प्रदोष का दिन खास माना गया है, क्योंकि ये दिन ईश्वर शिव को अत्यंत प्रिय है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को प्रदोष पड़ता है। आइए देवघर के ज्योतिषआचार्य से जानते हैं कि नवंबर महीने की किस तारीख को आखरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
देवघर के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को कहा कि हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। एक कृष्णपक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। वहीं नवंबर महीने का आखरी प्रदोष व्रत 24 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन भक्त ईश्वर शिव और माता पार्वती की प्रदोष काल में पुजा करते हैं। इस दिन ईश्वर शिव और माता पार्वती का व्रत रखकर पूजन करने से विशेष कृपा बरसती है।
क्या है शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की आरंभ 24 नवंबर शुक्रवार को शाम के 06 बजकर 22 मिनट से हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 25 नवंबर दिन शनिवार को दोपहर के 03 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है। क्योंकि प्रदोष के दिन ईश्वर शिव की पूजा होती है। इसलिए 24 नवंबर को ही प्रदोष का व्रत रखा जाएगा।
इस विधि से करें पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान कर ईश्वर भोलेनाथ के सामने दीप प्रचलित कर प्रदोष व्रत का संकल्प लें। संध्या के समय प्रदोष काल में पूजा शुरुआत करें। शिवलिंग के ऊपर गंगाजल, दूध, शहद आदि अर्पण करें। इसके साथ ही राम नाम लिखा बेलपत्र और शनि पत्र जरूर अर्पण करें। विशेष कर प्रदोष व्रत के दिन अनिल का फूल ईश्वर शिव के ऊपर अर्पण करना चाहिए। फिर विधि पूर्वक ईश्वर की पूजन करें और आरती उतारें।