अंधविश्वास ने ले ली थी एक साथ 900 लोगों की जान, पढ़ें दिल दहला देने वाली घटना
दरअसल, जिम जोन्स नाम के एक शख्स, जो स्वयं को धार्मिक नेता कहते हैं, ने जरूरतमंदों की सहायता करने और उन तक पहुंचने के लिए वर्ष 1956 में ‘पीपुल्स टेम्पल’ नाम से एक चर्च बनाया था। उन्होंने जल्द ही धार्मिक शब्दों और अंधविश्वासों के आधार पर हजारों अनुयायी बना लिए। रिपोर्ट के अनुसार जिम जोंस कम्युनिस्ट विचारधारा के थे और उनके विचार अमेरिकी गवर्नमेंट से मेल नहीं खाते थे। ऐसी हालत में वे अपने अनुयायियों के साथ उसे शहर से दूर गुयाना के जंगलों में ले गये। वहाँ उन्होंने एक छोटा सा गाँव बसाया और अपने अनुयायियों के साथ वहीं रहने लगे।
लोगों पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया
हालाँकि, जिम जोन्स की वास्तविकता जल्द ही उनके अनुयायियों के सामने साफ हो गई। इसके बाद उसने अपने अनुयायियों पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया। वह उनसे सारा दिन काम करवाता। उन्हें रात में भी सोने नहीं दिया जाता था। वह उन्हें चिढ़ाने के लिए अपना भाषण प्रारम्भ करते थे। इस दौरान उनके सैनिक घर-घर जाकर देखते थे कि कोई सो तो नहीं रहा है। जो कोई भी सोता हुआ पाया गया उसे कड़ी सजा दी गई।
900 से अधिक लोगों की जान चली गई
जब जोन्स को एहसास हुआ कि गवर्नमेंट उनके इरादों को विफल करने की प्रयास कर रही है, तो उन्होंने कार्रवाई की। उसने एक टब में घातक जहर मिलाकर ड्रिंक तैयार की। इसके बाद उन्होंने अपने अनुयायियों को वह जहरीला पेय पिलाया। इस तरह एक अंधविश्वासी आदमी के असर में आकर 900 से अधिक लोगों की जान चली गयी। मृतकों में 300 से अधिक बच्चे भी शामिल हैं। इस घटना को अब तक के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक माना जाता है। जिम जोन्स का मृतशरीर भी उसी जगह पर पाया गया था।