भारत के इन 5 शहरों में छुप-छुपाकर लोग करते हैं काला जादू
कुशाभद्रा नदी के आसपास और नदी के नीचे आपको कई हड्डियां और खोपड़ियां देखने को मिल जाएंगी। ये एक ऐसी स्थान है, जहां काला जादू का अभ्यास सबसे अधिक होता है। बल्कि न सिर्फ़ घाटों पर सुनसान किनारे वाली जगहों पर भी लोग तांत्रिक और काले जादू की क्रियाएं करते हुए पाए जाते हैं।
जहां वाराणसी अपने खूबसूरत मंदिरों और घाटों के लिए जाना जाता है, वहीं ये स्थान अपने तंत्र-मंत्र और काला जादू के लिए फेमस है। यहां के कई श्मशान घाटों पर जलने वाले मृत शरीर के अवशेषों को बाबा लोग खाते हैं। उनके अनुसार, ऐसा करने से शक्तियां बढ़ती हैं। मणिकर्णिका घाट पर छुपते-छुपाते काला जादू होता है।
काला जादू के लिउए वाराणसी या ओडिशा ही नहीं हैं, बल्कि कोलकाता भी इस लिस्ट में आता है, कोलकाता का निमतला घाट अपने काला जादू के लिए काफी फेमस है। यहां पूरी तरह से सुनसान होने के बाद आधी रात को अघोरी निमतला घाट पर आते हैं और घाट पर जलाए गए अवशेषों को खाते हैं। साथ ही सुबह होने से पहले वो यहां बैठकर कुछ देर साधा भी करते हैं।
असम का मायोंग गांव सदियों से काला जादू के लिए काफी फेमस है। इस गांव में आने पर मुगलों और अंग्रेजों को भी काफी डर लगा करता था। मायोंग गांव में काले जादू से जुड़ी कई कहानियां भी हैं। इस गांव में ऐसा कोई आदमी नहीं होगा, जिसे काला जादू न आता हो, बल्कि बच्चे-बच्चे तक इस टोने-टोटके जैसी चीजों को जानते हैं। गांव के लोगों का मानना है कि उन्हें काले जादू की शक्ति वरदान के रूप में मिली है। और सदियों से ये अभ्यास चलता आ रहा है।
हैदराबाद को इन एक्टिविटीज का मानों सेंटर माना जाता है। खासतौर पर यहां का सुल्तान शाही इन चीजों के लिए काफी फेमस है। कहते हैं कि ऐसे लोग भिन्न-भिन्न बाबा हैं, जो काला जादू करके पैसे की वसूली करते हैं, तो कई ऐसे हैं जो बदले में संभोग के लिए कहते हैं। यही नहीं कुछ तो बदले में पशु बलि की भी बात करते हैं। सुलतान शाही के अतिरिक्त चित्रिका, मुगलपुरा और शालिबंद भी तीन ऐसी स्थान हैं, जहां तंत्र-मंत्र किया जाता है।