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इन दिन गंगा स्नान और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

सनातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है, इस दिन गंगा स्नान, पूजा, जप, तप और दान-दक्षिणा देने का विशेष महत्व है इस दिन ईश्वर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं मकर संक्रांति को खिचड़ी और उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और ईश्वर विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं

कब है मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि में अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं 14 और 15 जनवरी की रात 02 बजकर 54 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे 15 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा वहीं महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजे तक रहेगा, इस दौरान पूजा-पाठ और दान करने से फायदा मिलता है, इस दौरान पूजा-पाठ और दान करने से फायदा मिलता है ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति की तिथि पर रवि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं, इन योगों में गंगा स्नान, पूजा, जप और तप का दोगुना फल मिलता है, इसके साथ ही पैतृक आशीर्वाद भी प्राप्त होता है

 मकर संक्रांति पर बन रहा वरियान योग का संयोग

मकर संक्रांति की तिथि पर वरियान योग बन रहा है, इस योग की रचना रात्रि 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगी ज्योतिष शास्त्र वरियान योग को शुभ योग मानता है, इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं इस दिन खरमास खत्म हो जाएगा

रवि योग का संयोग

ज्योतिषियों के मुताबिक मकर संक्रांति पर रवि योग भी बन रहा है, इस योग की रचना सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगी इस योग में पूजा और दान करने से स्वस्थ जीवन का वरदान मिलता है

करण

मकर संक्रांति की तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है बव करण का निर्माण दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा इसके बाद संतान प्राप्ति की आसार बनेगी ज्योतिष शास्त्र बव और बालव करण दोनों को शुभ मानता है इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं

मकर संक्रांति पर स्नान दान का महत्व

मकर संक्रांति का पर्व ईश्वर सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है भक्त इस दिन ईश्वर सूर्य की पूजा कर आशीर्वाद मांगते हैं, इस दिन से वसंत ऋतु की आरंभ और नयी फसलों की कटाई प्रारम्भ होती है मकर संक्रांति पर भक्त गंगा, यमुना, नर्मदा और शिप्रा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और ईश्वर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, इस दिन गंगा स्नान और जरूरतमंद लोगों को भोजन, दालें, अनाज, गेहूं का आटा और ऊनी कपड़े दान करना शुभ माना जाता है

मकर संक्रांति पूजन विधि

मकर संक्रांति पर स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें, इसके बाद सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें फिर नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं भोजन ईश्वर को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें संध्या काल में अन्न का सेवन न करें इस दिन किसी गरीब आदमी को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि गुनाह से राहत मिलती है

मकर संक्रांति पर इन चीजों का दान शुभ

मकर संक्रांति पर हर वर्ष गंगा घाट पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती हैं मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी बोला जाता है, इस दिन काले तिल और तिल से बनी चीजों को दान करने से पुण्य फायदा मिलता है काले तिल के दान से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं इस दिन नए अन्न, कम्बल, घी, वस्त्र, चावल, दाल, सब्जी, नमक और खिचड़ी का दान करना सर्वोत्तम होता है मकर संक्रांति के दिन ऑयल का दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं

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