जाने नैनीताल में आप कहां जा सकते हैं और अपने न्यू ईयर सेलिब्रेशन को बना सकते हैं धमाकेदार…
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आखिरी महीना यानी दिसंबर आते ही लोग नया वर्ष मनाने कहां जाते हैं? एक दूसरे से ऐसे प्रश्न पूछना प्रारम्भ करें। हर कोई यात्रा करने के लिए जितना संभव हो सके एक स्थान ढूंढना चाहता है, क्योंकि इससे समय की बचत होती है और अधिक थकान नहीं होती है। हमारी राय में दिल्ली के पास दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए नैनीताल से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता।
वीकेंड पर भी लोग यहां घूमने आते हैं और न्यू ईयर आते ही यहां की चकाचौंध का कोई मुकाबला नहीं है। आइए जानें कि नैनीताल में आप कहां जा सकते हैं और अपने न्यू ईयर सेलिब्रेशन को धमाकेदार बना सकते हैं।
नैनी झील
सात भिन्न-भिन्न पर्वत चोटियों से घिरी नैनी झील कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे मशहूर झीलों में से एक है। अपने खूबसूरत नजारों के लिए प्रसिद्ध यह स्थान लोगों के बीच लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के रूप में जानी जाती है। शाम को आप यहां कुछ देर बैठकर डूबते सूरज का आनंद ले सकते हैं। साथ ही आप खुली हवा में बैठकर शांति से प्रकृति को निहारने का आनंद नहीं ले सकते। नए वर्ष पर आपको ताजी हवा का मजा लेने के लिए बाहर भी जाना चाहिए।
माल रोड
नैनी झील के सहारे बनी यह सड़क मल्लीताल और तल्लीताल को जोड़ती है। यहां आपको हर तरफ चहल-पहल का माहौल देखने को मिलेगा। किसी दुकान पर खड़े होकर विंटर शॉपिंग करते, स्ट्रीट फूड का लुत्फ उठाते, कहीं लोग फोटो खिंचवाते, कहीं चाय की चुस्कियां लेते और पहाड़ों को निहारते मिल जाएंगे। ऐसा माहौल देखने के लिए आपको भी नए वर्ष की योजना बनानी चाहिए।
टिफिन टॉप
नैनीताल के पर्यटन स्थलों में शामिल इस स्थान से पूरे नैनीताल का नजारा दिखता है। चारों ओर चीड़, बलूत और देवदार के पेड़ आपको ऐसा महसूस कराएंगे कि आप जन्नत में चल रहे हैं। इन पेड़ों को देखकर आपको यकीनन बहुत शांति का अनुभव होगा। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो यहां बैठकर शांति का आनंद लें। लोग यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं।
नैना देवी मंदिर
कहा जाता है कि इस जगह पर देवी सती की दृष्टि गिरी थी, जिसके कारण इस मंदिर का नाम नैना देवी पड़ा। मंदिर के नाम पर ही इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। यह मंदिर हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में भी गिना जाता है। यदि आप यहां आएंगे तो आपको एक पीपल का पेड़ मिलेगा, जो यहां सदियों से लगा हुआ है, यह पेड़ भी मंदिर की तरह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता था, लेकिन अब यात्रियों को ध्यान में रखकर उड़नखटोला की प्रबंध की गई है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
हरियाली, शांत वातावरण, पेड़ों के बीच से गुजरती ताजी हवा और उनके बीच गायब हो रहे पशु-पक्षी, ये सब आपको एक साथ एक ही स्थान देखने को मिलते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं जिम कॉर्बेट की, जो अपनी जंगल सफारी के लिए जाने जाते हैं। यदि आप अक्टूबर से फरवरी के बीच यहां आते हैं तो आपको कुछ और अनदेखे पक्षी देखने को मिल जाएंगे।
नैनीताल कैसे पहुंचे
हवाईजहाज से: नैनीताल से कोई सीधा हवाई संपर्क नहीं है। इंदिरा गांधी तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नयी दिल्ली नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। वैसे सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों की प्रत्येक उड़ान दिल्ली को शेष विश्व से जोड़ती है, पर्यटक यदि नैनीताल जा रहे हैं तो दिल्ली से उड़ान ले सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल पहुँचने के लिए निजी टैक्सियाँ ली जा सकती हैं।
सड़क मार्ग से नैनीताल उत्तर हिंदुस्तान के कई शहरों और छोटे शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली और काठगोदाम से नैनीताल के लिए दैनिक बसें हैं। इस रूट पर वोल्वो, एसी और नॉन एसी जैसे कोच मौजूद हैं।
रेल द्वारा: काठगोधाम रेलवे स्टेशन, जो लगभग 34 किमी दूर है, नैनीताल का निकटतम रेलवे स्टेशन है। कई ट्रेनें नैनीताल को दिल्ली और देहरादून से जोड़ती हैं। कोलकाता, लखनऊ, आगरा और मथुरा से आने वाले पर्यटक काठगोदाम के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं और फिर नैनीताल के लिए एक निजी कैब या शेयरिंग टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।