जानें तिरूपति मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य…
भगवान तिरूपति बालाजी की मूर्ति गर्भगृह के मध्य में खड़ी हुई प्रतीत होती है, लेकिन वास्तव में यह मूर्ति गरबा गुड़ी के दाहिने कोने से थोड़ी सी दूर है. तिरूपति बालाजी मंदिर का नाम हिंदुस्तान के सबसे अमीर मंदिरों में लिया जाता है और यह लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, जिसके कारण इसने पर्यटकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यहां तक कि तिरूपति बालाजी मंदिर के गर्भगृह में ईश्वर की मूर्ति के सामने रखे मिट्टी के दीपक भी नहीं जलते हैं. बाहर.
ये दीपक कब और किसने जलाए थे, इसका कोई विश्वसनीय रिकॉर्ड नहीं है. जब आप मुख्य मूर्ति के पीछे अपना कान लगाते हैं, तो आपको गरजते हुए समुद्र की आवाज सुनाई देती है. पहाड़ियों के बारे में एक तथ्य यह है कि उनमें से एक ईश्वर का चेहरा है. ऐसा लग रहा है जैसे वह सो रहा है और आप वास्तव में उसका चेहरा देख सकते हैं.
कहा जाता है कि यह मूर्ति इतनी मजबूत है कि इसे कभी हानि नहीं पहुंचाया जा सकता. जब सिनामोमम कपूर के पेड़ से प्राप्त कच्चा कपूर या हरा कपूर पत्थर पर लगाया जाता है, तो यह पदार्थ को तोड़ देता है. लेकिन कपूर की अस्थिर रासायनिक प्रक्रिया का श्री तिरूपति बालाजी की मूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ता है. ईश्वर वेंकटेश्वर का अभिषेक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं जंगल से ही एकत्र की जाती हैं. हिंदू मंदिरों में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए करोड़ों रुपये विदेशी मुद्रा हैं, आरबीआई उस पैसे को परिवर्तित करने में टीटीडी बोर्ड की सहायता करता है.