लाइफ स्टाइल
जानिए, 10 ऐसे काम जो आज पूर्णिमा पर किए जा सकते हैं…
आज (गुरुवार, 25 जनवरी) पौष मास की पूर्णिमा है, आज से माघ मास के स्नान हो जाएंगे, जो कि पूरे माघ मास चलेंगे। माघ मास में रोज नदियों में स्नान करने की परंपरा है। 26 तारीख से माघ महीना प्रारम्भ होगा। पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से अक्षय पुण्य मिलता है, ऐसा पुण्य जिसका असर जीवन भर बना रहता है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं। मनीष शर्मा के मुताबिक, पौष मास की आखिरी तिथि पर नदी स्नान के साथ ही पूजा-पाठ से जुड़े शुभ काम करना चाहिए। जानिए 10 ऐसे काम जो पूर्णिमा पर किए जा सकते हैं…
- सुबह शीघ्र उठें और स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। लोटे में पानी के साथ कुमकुम और चावल भी डाल सकते हैं।
- देव गुरु बृहस्पति की विशेष पूजा करें। देव गुरु बृहस्पति की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है, इसलिए शिवलिंग पर पीले फूल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। आरती करें।
- अगर किसी आदमी की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है, उसे पूर्णिमा पर सूर्य के लिए तांबे के लोटा, गुड़ और लाल वस्त्रों का दान करना चाहिए। किसी मंदिर में तिल-गुड़ भी चढ़ा सकते हैं।
- भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और ईश्वर को चढ़ाएं। नए लाल-पीले वस्त्र विष्णु और देवी लक्ष्मी को अर्पित करें। धूप-दीप जलाएं। हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग तुलसी के साथ लगाएं। विष्णु जी के अवतार ईश्वर सत्यनारायण की कथा पढ़ें या सुनें। सत्यनारायण जी को केले का भोग लगाना चाहिए।
- इस दिन घर के मंदिर में पंचदेव यानी शिव जी, गणेश जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इन पांच देवताओं की पूजा के साथ दिन की आरंभ करनी चाहिए।
- घर के मंदिर में पूजा करें और अपने अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। हनुमान जी के लिए ऊँ रामदूताय नम:, शिव जी के ऊँ नम: शिवाय, श्रीकृष्ण के कृं कृष्णाय नम:, राम जी के लिए रां रामाय नम:, विष्णु जी के ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, देवी दुर्गा के दुं दुर्गायै नम: का जप कर सकते हैं।
- किसी मंदिर में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। बिल्वपत्र, धतुरा, फूल, चंदन, जनेऊ अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं।
- भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बाल गोपाल का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करें। इसके लिए शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और ईश्वर को चढ़ाएं। अभिषेक के बाद नए वस्त्र अर्पित करें। हार-फूल पहनाएं। माखन-मिश्री का भोग तुलसी के लगाएं। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- पूर्णिमा पर सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास, घर के मंदिर में, मेन डोर के पास दीपक जरूर जलाएं।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों खाना, अनाज, धन, कपड़े, जूते-चप्पल का दान करना चाहिए। पूर्णिमा पर किसी तालाब में मछिलयों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाना चाहिए। दान-पुण्य के छोटे-छोटे इन कामों से अक्षय पुण्य के साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है।