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शाम के समय पूजा आराधना करते समय रखें इन बातों का खास ध्यान

सनातन धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व कहा गया है बोला जाता है कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले ईश्वर गणेश की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है सनातन धर्म में त्रिकाल संध्या करने का भी नियम है अर्थात सुबह की पूजा दोपहर की पूजा और शाम की पूजा जब दिन ढलता है यह समय पूजा के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है यानी की संध्या के समय पूजा आराधना करने से कई गुना की फल की प्राप्ति भी होती है

इतना ही नहीं धार्मिक ग्रंथो के अनुसार ईश्वर शंकर और माता पार्वती संध्या काल में धरती पर विचरण भी करते हैं इसलिए शाम के समय पूजा आराधना करते समय कुछ बातों पर सावधानी भी बरतने की आवश्यकता है ताकि ईश्वर शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो सके शाम के समय पूजा आराधना करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं जिसका पालन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं की शाम के समय पूजा आराधना करते समय किन बातों को ध्यान देना चाहिए

पूजा आराधना करने का एक विधान

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में पूजा आराधना करने का विशेष महत्व होता है कोई भी पूजा आराधना करने से पहले उनके नियमों को अवश्य जानना चाहिए हर पूजा आराधना करने का एक विधान है एक नियम है जिसे हर किसी को पालन करना चाहिए विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है माता रानी प्रसन्न होती है

जहां सुबह के समय ईश्वर की पूजा आराधना करते समय फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है तो दूसरी तरफ संध्या काल में पूजा आराधना के लिए फूल नहीं तोड़ना चाहिए शास्त्रों में इसे अशुभ माना जाता है

दूसरी तरफ सुबह की पूजा में शंख और घंटी बजानी चाहिए लेकिन शाम की पूजा आराधना करते समय शंख और घंटी नहीं बजना चाहिए सिर्फ़ आरती करते समय ही घंटी बजना चाहिए मान्यता भी है कि सूर्यास्त के बाद सभी देवी देवता सोने चले जाते हैं और शंख की आवाज से उनको आराम में खलन पड़ता है

शास्त्रों के अनुसार सुबह के समय जहां सूर्य देव की पूजा आराधना करने का विधान है तो वही सूर्यास्त के बाद कभी भी सूर्य देव की पूजा आराधना नहीं करनी चाहिए इसके अतिरिक्त शाम की पूजा आराधना में कभी भी तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए सूर्यास्त के बाद तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए

भगवान के आराम में बाधा उत्पन्न ना हो इसके लिए शाम के समय पूजा आराधना करने के स्थल पर पर्दा डालना चाहिए और भोर के समय इनका खोल देना चाहिए शाम की पूजा सूर्यास्त से होने के पहले कर लेनी चाहिए

शाम के समय ईश्वर की पूजा में हमेशा दो दीपक चलनी चाहिए जिसमें एक घी और एक ऑयल का होना शुभ माना जाता है

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