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छठ के व्रतियों को जरूर करना चाहिए ये दान, तभी मिलेगा फल

छठ पूजा में उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही चार दिवसीय महापर्व संपन्न होता है आस्था के इस पर्व में विशेष रूप से सूर्यदेव और षष्ठी माता की पूजा की जाती है इस पर्व में डूबते और उगते सूर्य दोनों को अर्घ्य दिया जाता है छठ पूजा का व्रत रखने से आदमी को सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, लेकिन छठ का पारण भी बहुत जरूरी माना जाता है इसे किए बिना आदमी को पूर्ण फल नहीं मिलता है छठ पूजा का समाप्ति कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्योदय के बाद होता है इस बार सप्तमी तारीख 20 नवंबर को पड़ रहा है ऐसे में इस दिन उगते सूर्य के अर्घ्य देते हुए व्रत का समाप्ति किया जाएगा

गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि छठ पूजा के आखिरी दिन अर्घ्य देने से पहले व्रती जल में खड़े रहकर ईश्वर सूर्य का दर्शन करते हैं इसके बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं छठ पूजा के दौरान व्रती लोग 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं इसलिए इसके पारण के समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए व्रत का पारण गुड़-पानी, शक्कर-पानी या जूस पीकर करना चाहिए व्रत का पारण छठी मईया के प्रसाद से होता है इस दिन व्रती जनों को थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाना चाहिए एक साथ भरपेट भोजन बिलकुल न करें नारियल पानी या नीबू पानी पीते रहें

व्रती को करना चाहिए यह काम
राजा आचार्य बताते हैं कि पारण के दिन व्रती को नीबू, गुड़-पानी या शक्कर-पानी ईश्वर को भोग लगाने के बाद इसका इस्तेमाल कर पारण करना चाहिए इस दिन कुछ फल का इस्तेमाल भी मुनासिब माना गया है शरबत पीने के बाद फल का सेवन कर सकते हैं पारण के तुरंत बाद अभोज्य पदार्थ का सेवन न करें इस बात का ध्यान व्रती को रखना चाहिए इस दिन ईश्वर को भोग लगे फल या प्रसाद से ही ठीक समय में पारण करना चाहिए इस दिन जब भोजन भी करते हैं, तो ईश्वर को नैवेद्य लगाकर उसका सेवन करना चाहिए इस दिन गरीबों और पशु-पक्षियों को अन्नदान जरूर करें, तभी पारण का फल व्रती को मिलता है

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