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Chaitra Navratri 2024 Day 3 Maa Chandraghanta Aarti-Bhog: नवरात्रि के तीसरे दिन का जानें पूजा की विधि भोग और आरती

Chaitra Navratri 2024 Day 3 Maa Chandraghanta Aarti-Bhog: नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चन्द्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानें इस दिन मां की विशेष कृपा पाने के लिए किस चीज का लगाए भोग और कैसे करें आरती…

डाॅ त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद). Chaitra Navratri 2024 Day 3 Maa Brahmacharini Aarti-Bhog : इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुरुआत 9 अप्रैल को हो गया है. नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा होती है. मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में ये देवियां धरती पर आती है और अपने भक्तों को अपने आशीर्वाद से हर तरह से शक्ति संपन्न करती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री और दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. चंद्रघंटा मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मानी गई है. नवरात्रि के तीसरे दिन इस देवी की अराधना की जाती है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं.

चन्द्रघंटाः-

पिण्डजाप्रव रारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता.

प्रसादं तनुतं मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता..

देवी के इस तीसरे स्वरूप के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि इनके सिर पर घंटे के आकार का आधा चन्द्रमा है . इसलिए इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है. सोने के समान इनका शरीर चमकता है. देवी का यह रुप परमशांतिदायक है और कल्याणकारी है. इस देवी के दस हाथ बताये गये है. यह देवी खडग एवं अन्य अस्त्र- शस्त्रों से विभूषित है. सिंह इनकी सवारी है. इस देवी की मुद्रा युद्ध के लिए एक्टिव हालत में रहने वाले रेट जैसी होती है. यदि इस देवी की कृपा मिल जाये तो साधक अलौकिक वस्तुओं का दर्शन करने में सफल हो जाता है. इनके असर से दिव्य सुगंधित वातावरण का अनुभव होता है. ये लक्ष्य प्राप्त की भी देवी मानी गई है.

माता चंद्रघंटा की आरती

पूर्ण कीजो मेरे काम

चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत बनाने वाली

मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर रेट को लाने वाली

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता

पूर्ण आस करो जगदाता

कांची पुर जगह तुम्हारा

करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटू महारानी

‘भक्त’ की रक्षा करो भवानी

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