रम पीते समय इन बातों का जरूर रखें खास ध्यान, जानें
रम: रम खासतौर पर ठंडे इलाकों में पसंद किया जाता है। यदि रम का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह लाभ वाला भी होता है रम में अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को आंतरिक रूप से गर्म करती है। जिसके कारण हमें कुछ देर के लिए गर्मी का एहसास होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रम पीते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। वरना इससे लाभ की स्थान हानि हो सकता है। आइए जानते हैं कुछ खास टिप्स…
सर्दियों में कमरे के तापमान पर रम पियें। बर्फ से ठंडा न करें। बर्फ जैसी ठंडी रम गले को ठंडा कर देती है। सर्दी-खांसी की परेशानी होने लगती है। ऐसे में ठंडी रम पीने से बचना चाहिए।
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए रम पिया जाता है। पीना नहीं है, इसलिए रम को धीरे-धीरे पीना चाहिए, एक बार में पूरा गिलास समाप्त नहीं करना चाहिए।
खाली पेट रम पीने से बचें क्योंकि यह अत्यधिक मादक होता है और हैंगओवर की परेशानी पैदा कर सकता है। खाली पेट रम पीने से शराब की मात्रा सीधे लीवर तक पहुंचती है और लीवर पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे लीवर खराब हो सकता है।
इसके अतिरिक्त खाली पेट रम पीने से उल्टी, दस्त, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो जाती हैं और नशा भी शीघ्र होता है। इसलिए रम का सेवन करने से पहले हमेशा कुछ हल्का खाना बेहतर होता है।
एक दिन में 1 से 2 पैग यानी 30 से 45 एमएल से अधिक रम पीने से बचें। अधिक मात्रा में रम पीने से नशा, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त इसका लीवर और किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए, रम का आनंद लेने की राय दी जाती है लेकिन सीमित मात्रा में ताकि आपको कोई हानि न हो।
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