साल 2023 में इन टेक्नोलॉजी के कारण आम से खास लोगों को उठानी पड़ी परेशानी
टेक्नोलॉजी ने आम इंसना के जीवन को काफी प्रभावित किया है। इसमें जीवन काफी सरल सी लगने लगी है। हर वर्ष कोई न कोई नयी टेक्नोलॉजी आती रहती हैं। वहीं इस वर्ष यानी 2023 में कई नयी टेक्नोलॉजी ट्रेंड ने दुनिया को बदलने का काम किया है। हालांकि, इन टेक्नोलॉजी के कारण आम से खास लोगों को कठिनाई भी उठानी पड़ी है।
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी
चैटजीपीटी, जो अब काफी चर्चा में है, एक एआई आधारित चैटबॉट है। जिसकी सहायता से लाखों वेबासाइटों पर उपस्थित जानकारियों औऱ डेटा को संसोधित कर और उसे एक सरल भाषा में बदलकर यूजर्स के लिए मौजूद कराया जा सकता है। यानी ये औनलाइन अनुभव को फिर से परिभाषित कर सकता है। एआई अब तक बैकग्राउंड में रहा है, बिना किसी की नजर में आए अपना काम कर रहा है। लेकिन आशा की जा रही है कि इसका रूप बदल जाएगा।
DeepFakes
इस वर्ष डीपफेक भी काफी चर्चा में रहा। जिसने हर किसी को प्रभावित किया। फिर चाहे वो राष्ट्र के पीएम मोदी ही क्यों ना हो। डीपफेक वह टेक्नोलॉजी है जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो बनाया जाता है जो रियल लगता है। हाल ही में इसका शिकार मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अदाकारा रश्मिका मंधाना बनी हैं। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने, डराने, नीचा दिखाने और कमजोर करने के लिए डिजाइन किया जा सकता है। डीपफेक अहम मुद्दों के बारे में गलत सूचना और भ्रम भी पैदा कर सकता है।
WhatsApp Scams
2023 में व्हाट्सएप जॉब घोटाले एक आम घटना थी। फेसबुक के स्वामित्व वाला मैसेंजर ऐप तेजी से अपनी सेवाओं के व्यावसायीकरण की ओर बढ़ रहा है। पर्सनल डेटा घोटालेबाजों के पास पहुंचना सिर्फ़ समय की बात है। जॉब बाजार में बेरोजगारी और प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ, लोग पैसा कमाने के अवसरों के लिए बेताब हैं और धोखेबाज अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी कमजोरियों का लाभ कैसे उठाया जाए। वे अक्सर अंतर्राष्ट्रीय नंबरों का इस्तेमाल करके व्हाट्सएप के माध्यम से उनसे संपर्क करते हैं, और कमीशन कमाने के लिए उनसे वीडियो या इसी तरह के कार्यों की समीक्षा करने के लिए कहते हैं। ऐसे ही एक मुद्दे में, पुणे की एक आईटी इंजीनियर, जिसे उसके निवेश पर 30 फीसदी रिटर्न का वादा किया गया था, को 49 लाख रुपये का हानि हुआ।
The QR con
हाल ही में, बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान के एक 30 वर्षीय प्रोफेसर अपनी वॉशिंग मशीन बेचने की प्रयास के दौरान क्यूआर कोड घोटाले का शिकार हो गए। खरीदार ने विक्रेता से एक क्यूआर कोड स्कैन करने का निवेदन किया ताकि वह शीघ्र से अपने बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सके। हालांकि, जैसे ही प्रोफेसर ने कोड स्कैन किया, उनके खाते से 63,000 रुपये उड़ा दिए गए। बेशक, यह घटना अकेली नहीं थी – पिछले कुछ महीनों में क्यूआर कोड फर्जीवाड़ा के कई अन्य मुद्दे सामने आए हैं। ‘मुझे ओटीपी बताएं’ के बाद ‘इस क्यूआर को स्कैन करें’ जालसाजों का नया जाल है। डिजिटल इण्डिया के लिए आगे और भी चुनौतियां हैं।
Date baits
2023 में, स्कैमर्स ने महंगे उपहार भेजने के बहाने लोगों को विश्वासघात देने के लिए डेटिंग के साथ-साथ वैवाहिक ऐप्स का इस्तेमाल करना प्रारम्भ कर दिया। इण्डिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग दो-तिहाई भारतीय युवा औनलाइन डेटिंग/रोमांस घोटालों का शिकार हुए हैं और उन्हें औसतन 7,966 रुपये का हानि हुआ है। औनलाइन डेटिंग प्लेटफ़ॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, अपराधियों ने साथी की तलाश कर रहे कमजोर लोगों का उत्पीड़न करने के लिए एक नया साधन ढूंढ लिया है। गुरुग्राम का मुद्दा जिसमें एक स्त्री ने लगभग एक दर्जन मर्दों को विश्वासघात दिया, यह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कैसे ‘टिंडर ठग’ बन गए हैं।