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मीठी और फ्रेश लीची खरीदने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

गर्मियों में रसदार फल ना केवल मुंह में मिठास घोलते हैं बल्कि बॉडी को भी हाइड्रेट रखकर ठंडक पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक जूसी फ्रूट लीची है. लीची में फोलेट,
पोटैश‍यिम, मैग्‍न‍िश‍ियम, विटामिन सी, व‍िटाम‍िन बी6 जैसे कई महत्वपूर्ण न्‍यूट्र‍िएंट्स उपस्थित होते हैं. जो आदमी की इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर उसे कई रोगों से दूर रखने में सहायता करते हैं. लेकिन आदमी के मुंह का स्वाद, पैसे और स्वास्थ्य उस समय खराब हो जाते हैं, जब आप गलती से बाजार से केमिकल से पकी हुई लीची खरीदकर घर ले आते हैं. यदि आप अपने स्वाद के साथ परिवार की स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना चाहते हैं तो लीची खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें.

लीची खरीदते समय ना करें ये गलतियां- 

लीची का आकार- 
बाजार से कभी भी ऐसी लीची ना खरीदें, जिसका आकार काफी बड़ा हो. यदि लीची बहुत बड़ी है तो हो सकता है कि उसे केमिकल की सहायता से पकाया गया हो.

लीची का छिलका-
कभी भी ऐसी लीची ना खरीदें, जिसका ऊपर से छिलका सफेद या बहुत अधिक भूरा हो. यदि आप ऐसी लीची खरीदते हैं तो वह शीघ्र खराब हो जाती है. इसके अतिरिक्त यदि लीची का छिलका टूटा हुआ है या अधिक गीला है, तो लीची में सड़न हो सकती है, ऐसी लीची न खाएं. इस तरह की लीची खाने से आपके पेट में दर्द हो सकता है.

कच्ची लीची की पहचान- 
कच्ची लीची खाने से पेट में दर्द हो सकता है इसलिए हमेशा पकी हुई लीची ही खानी चाहिए. लीची की पहचान करने के लिए उसके ऊपरी भाग को छू कर देखें. यदि लीची बाहर से बहुत कठोर है, तो इसका मतलब है कि वह लीची कच्ची है.

रंग से पहचानें-
कभी भी हरे रंग की लीची ना खरीदें. इस रंग की लीची अंदर से पकी हुई नहीं होती है. प्रयास करें कि हमेशा गुलाबी या लाल रंग वाली ही लीची खरीदें.

खुशबू से करें पहचान-
अगर लीची पकी हुई है तो उससे मीठी खुशबू आती है. अन्यथा कच्ची लीची से खट्टी खुशबू आएगी.

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