नारद जयंती पर देवर्षि नारद को ऐसे करें प्रसन्न
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: आज यानी 24 मई दिन शुक्रवार को नारद जयंती का त्योहार मनाया जा रहा है माना जाता है कि इसी शुभ दिन पर देवर्षि नारद का जन्म हुआ था. इस दिन भक्त नारद जी की वकायदा पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं
माना जाता है कि नारद मुनि की पूजा करने से सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है इसी के साथ ही यदि आज नारद जयंती के दिन उनकी प्रिय चालीसा का पाठ किया जाए तो मुनि के आशीर्वाद से परम कल्याण की प्राप्ति होती है, हम आपके लिए लेकर आए हैं नारद चालीसा का पाठ.
..श्री नारद चालीसा..
जय नारद मुनि, दिव्य ऋषि,
तेरे नाम का जप हमारी भाषा.
बुद्धि को बनाएं प्रकाशमय,
प्रकाश के मार्ग पर हमको लाएं.
ब्रह्मा के पुत्र, अद्वितीय सूचक,
दिव्य दूत, एक स्वर्गीय सूचक.
वीणा हाथ में, सुरमय मेलोदी,
भक्ति में, हमारे दिल की धूपी.
नारायण भक्त, आकाश में विहार,
बुद्धिमान सलाहकार, विचार.
भक्ति का प्रतीक, पवित्र और सच,
नारद मुनि, तुझे नमन हम करें.
तेरे दिव्य ध्वनि की शक्ति के साथ,
आसमानों में गूंथा गया तेरा आवाज.
शाश्वत सत्य के हरित पथ पर,
आध्यात्मिक युवा से सजीव होता जगत.
जय नारद मुनि, कृपा के रूप,
तेरे सामने, हमारा असत्य टूटे.
सात्विक भक्ति की कला सिखा,
हमें शाश्वत आनंद की ओर ले जाएं.
भटक ऋषि, तेरी दिव्य काया,
तेरी बुद्धि में हमारा भय गाया.
ज्ञान, बुद्धि, और कला से हमें संपन्न,
प्रत्येक दिल में एक आश्रय.
तेरे नाम का जप करते हैं हम,
नारद मुनि, महान कृपालु हमारे प्रभु.
धर्म के मार्ग पर हमें मार्गदर्शन करो,
तेरे दिव्य प्रेम में हम सुखी होते हैं.
जय नारद मुनि, हम तेरी स्तुति करते हैं,
प्रतियोगिता से हम समस्त कष्टों को दूर करते हैं.
हमें सामर्थ्य प्रदान करो,
एक धार्मिक, उद्दीपनपूर्ण जीवन की ओर ले जाओ.
हमें विवेकी बनाओ,
भक्ति की आग में सदा जलते रहें.
जय नारद मुनि, कृपा के रूप,
तेरे दिव्य सानिध्य में हम अपनी स्थान पाते हैं.
इस चालीसा को भक्ति और प्रेम से पढ़ते हैं,
नारद मुनि से जुड़ने में.
उसका आशीर्वाद स्वर्ग से बरसाएं,
प्रत्येक दिल में उसकी उपस्थिति चमके.
|| इति श्री नारद मुनि चालीसा ||