चमत्कारी है यह गाय दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं लोग
हिंदू धर्म में गाय को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। ईश्वर श्री कृष्णा भी गाय की पूजा अर्चना करते थे और वह स्वयं गाय चराया भी करते थे। यह भी एक कारण है कि हिंदू धर्म में गाय को माता के समान दर्जा दिया गया है। ऐसे में झारखंड की राजधानी रांची के चुटिया स्थित राधा कृष्ण मंदिर में आपको एक ऐसी गाय मिलेगी जिसके दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं। कहते हैं कि इस गाय के दर्शन मात्र से ही बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
मंदिर के महंत गोकुल दा को कहा कि इस गाय का नाम साहिवाल गाय है और यह कोई साधारण गाय नहीं है। यह गाय आपको वृंदावन में भी खूब दिखेंगी। खासकर ईश्वर श्री कृष्ण के मंदिर के पास। इस गाय का वर्णन ऋग्वेद तक में मिलता है। मान्यता है कि श्री कृष्ण भी इस नस्ल की गाय को पूजते थे। यही कारण है कि श्रद्धालुओं की इस गाय में असीम आस्था है।
गाय के दर्शन मात्र से बनते हैं बिगड़ते काम
महंत गोकुल दास ने कहा कि यहां पर दूर-दूर से मतलब बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश और झारखंड के बोकारो, धनबाद, चतरा, गोड्डा तक के श्रद्धालु इस गाय के दर्शन करने आते हैं। इसके अतिरिक्त भी जो श्रद्धालु राधा कृष्ण जी के मंदिर में आते हैं। वह इस गाय के दर्शन किए बगैर नहीं जाते। दरअसल, इस गाय के दर्शन मात्र से ही आपके बिगड़े हुए कार्य बनते चले जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि श्री कृष्ण से इस गाय का संबंध होने के कारण लोग बड़ी आस्था के साथ इस गाय की पूजा अर्चना करते हैं। गाय को तिलक लगाते हैं, आरती उतारते हैं, मिठाई खिलाते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। मैंने अपनी आंखों के सामने कई भक्तों की मन्नत पूरी होते हुए देखी हैं।
होती है इच्छा पूरी
यहां पर गाय की पूजा अर्चना करने आई सरिता देवी बताती हैं, ‘मैं खास तौर पर बूटी मोड़ से यहां इस गाय की पूजा अर्चना करने आई हूं, क्योंकि हमारे हिंदू धर्म में गाय को विशेष दर्जा दिया गया है। ऐसे में साहिवाल गाय का दर्शन और भी अति शुभ माना जाता है। इससे पहले भी मैxने दर्शन किए हैं और अपने बेटे के लिए एक जॉब की मन्नत मांगी थी। आज मेरा बेटा अच्छे पद पर जॉब कर रहा है। साथ ही, पहले के मुकाबले घर में सुख, शांति और समृद्धि अधिक है।