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इस कंपनी ने दिया 30 हजार कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम

टेक कद्दावर ग्लोबेंट अपने कर्मचारियों को घर से काम देकर नयी मिसाल कायम कर रही है. कंपनी 33 राष्ट्रों में फैली हुई है और इसमें 30 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. कंपनी सभी कर्मचारियों को फुल टाइम वर्क फ्रॉम होम दे रही है. यह अपने आप में एक बड़ा कदम है क्योंकि ग्लोबेंट दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है जो इतने बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे रही है.

ग्लोबेंट के सीईओ मार्टिन मिगोया हैं. ब्यूनस आयर्स टाइम्स के अनुसार, मिगोया को यह पसंद है कि कर्मचारी उसके कार्यालय में काम करने आएं, लेकिन ऐसा किसी के सिर पर बंदूक रखकर नहीं किया जाना चाहिए. मिगोया ने बोला कि उनके कर्मचारी ऑफिस में स्वयं ही काम करने आते हैं उन्होंने बोला कि वह पद के महत्व को अच्छी तरह समझते हैं उनके लिए कार्यालय जुड़ाव का केंद्र है. योगदान करने की जगह, केवल काम करने की स्थान नहीं. मार्टिन ने कहा, “हमने देखा है कि लोग कार्यालय आ रहे हैं, वे एक साथ एकत्रित हो रहे हैं, वे कार्यालय का भिन्न-भिन्न ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं और हम भी अपने कार्यालयों की फिर से कल्पना कर रहे हैं.” ताकि हम बदलते समय के साथ सामंजस्य बिठा सकें.

कोरोना महामारी के बाद मिगोया की टीम ने दफ्तरों को दोबारा डिजाइन किया है भिन्न-भिन्न डेस्कों के जगह पर अधिक गोल मेजें लगाई गई हैं ताकि अधिक लोग बैठ सकें और लाउंज के लिए अधिक स्थान बनाई जा सके. कंपनी की ग्लोबल सीईओ पैट्रिका पोमिस का भी यही मानना है. हाल ही में उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपनी राय जाहिर की थी जिसमें पैट्रिका ने बोला था कि रिमोट से काम करना कोई गलती नहीं थी जब तक लोग घर से काम करते समय प्रेरणा की कमी महसूस नहीं करते, तब तक कार्यालय आने-जाने के लिए निर्धारित दिन रखना जरूरी नहीं है.

पैट्रिका भी स्वायत्तता में विश्वास करती है, और प्रत्येक टीम को उस ढंग से काम करने की लचीलापन देने की सिफारिश करती है जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करता है, चाहे वह घर से हो या कार्यालय से. ग्लोबेंट का कदम अल्फाबेट इंक के गूगल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प और मेटा से मेल नहीं खाता है. क्योंकि इन कंपनियों ने ऐसी नीतियां लागू की हैं कि कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करना होगा. हिंदुस्तान में भी इस विषय पर बहस चल रही है ज़ेरोधा के सीईओ नितिन कामथ ने कुछ समय पहले बोला था कि घर से काम करने की अवधारणा उनके कुछ कर्मचारियों के साथ मेल नहीं खा रही है. लोगों के लिए फैसला लेना मुश्किल हो जाता है क्योंकि संचार बाधा उत्पन्न हो जाती है

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