इनकम टैक्स बचाने के लिए अपनाएं ये 6 आसान तरीके
Income Tax Saving Tips : जैसे-जैसे मार्च का महीना पास आता है, लोग टैक्स सेविंग के लिए हाथ-पैर मारने लग जाते हैं। क्योंकि 31 मार्च वित्त साल का अंतिम दिन होता है। इस तारीख से पहले टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके लोग अपना आयकर बचाना चाहते हैं। यदि आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं और कुछ सूझ नहीं रहा, तो परेशान न होइए। हम यहां आपको 6 ऐसे सरल टिप्स देने जा रहे हैं, जिससे आपको टैक्स बचाने में सहायता मिलेगी।
1. टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स
हर वित्त साल में आप टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स (Tax-saving instruments) में निवेश करके सेक्शन 80सी के अनुसार 1.5 लाख रुपये तक अपनी टैक्सेबल इनकम कम कर सकते हैं। यदि आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो वहां आपको इस डिडक्शन का लाभ मिलेगा। लेकिन यदि आप नया टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो वहां आपको इस डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा। सेक्शन 80सी के अनुसार टैक्स छूट के लाभ के साथ आने वाले कुछ टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स निम्न हैं:
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
एफडी (5 या उससे अधिक सालों की अवधि वाली)
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
ELSS म्यूचुअल फंड
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और अन्य पेंशन योजनाएं
2. सैलरी स्ट्रक्चर में उपयुक्त कंपोनेंट्स का चयन करें
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियोक्ता द्वारा प्रोवाइडेड सैलरी स्ट्रक्चर का आकलन करना और टैक्स बेनेफिट्स को ऑप्टिमाइज करने वाले कंपोनेंट्स को सेलेक्ट करना लाभ वाला होता है। जैसे- किराए के घर में रहने वालों द्वारा मकान किराया भत्ता (HRA) चुनना, टेलीफोन/इंटरनेट खर्च, एजुकेशन भत्ता, फूड कूपन आदि का reimbursement लेना लाभ वाला होगा। इसके बाद टैक्सेबल इनकम का कैलकुलेशन करते समय रिलेवेंट कटौती/छूट का क्लेम कर सकते हैं।
3. EPF कंट्रीब्यूशन बढ़ाएं
वेतनभोगी व्यक्तियों के पास यह विकल्प होता है कि यदि वे 1.5 लाख रुपये की निवेश सीमा तक नहीं पहुंचे हैं, तो अपने ईपीएफ कंट्रीब्यूशन के साथ-साथ स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में अतिरिक्त सहयोग करने पर विचार करें। इस अतिरिक्त सहयोग को भी कुछ शर्तों के अनुसार कर योग्य आय से काटा जा सकता है। इसके अतिरिक्त नेशनल पेंशन स्कीम में कर्मचारी का सहयोग (सैलरी के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं) कर्मचारी को अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ दे सकता है।
4. होम लोन पर टैक्स बेनेफिट्स
यदि किसी बैंक, NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी जैसे वित्तीय संस्थान से हाउस प्रॉपर्टी खरीदने या बनाने के लिए हाउसिंग लोन प्राप्त किया जाता है, तो लोन पर किए गए ब्याज और मूलधन भुगतान को कर नियमों के अनुसार निर्दिष्ट सीमा के भीतर कर योग्य आय से कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है। हालांकि, यह टैक्स सेविंग सिर्फ़ तभी लागू होती है, जब पुरानी कर प्रबंध को चुना जाता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि मूलधन पुनर्भुगतान राशि पर कटौती धारा 80 सी के अनुसार कुल रु 1.5 लाख की सीमा के अधीन है।
5. हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स बेनेफिट्स
आयकर नियम स्वयं, जीवनसाथी, निर्भर बच्चों और निर्भर माता-पिता को कवर करने वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियमों पर डिडक्शन प्रदान करते हैं। इसलिए, आदमी अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के दौरान चिकित्सा खर्चों का सामना करने के साथ-साथ इन पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियमों के लिए टैक्स बेनेफिट्स प्राप्त कर सकें। स्वयं, जीवनसाथी और निर्भर बच्चों के लिए अधिकतम रु 25,000 और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए रु 50,000 तक डिडक्शन की अनुमति है।
6. ठीक कर प्रबंध चुनें
सरकार ने वित्तीय साल 2020-21 से एक नयी आसान वैकल्पिक पर्सनल इनकम टैक्स प्रबंध लागू की। इस प्रबंध के तहत, व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवारों के पास कुछ शर्तों को पूरा करने के साथ कम स्लैब दरों पर करों का भुगतान करने का विकल्प होता है। यह रिजीम कुछ छूट और कटौती के बिना आता है। आदमी मौजूदा और नयी कर प्रबंध के अनुसार देय टैक्स की तुलना कर सकते हैं और उस टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं, जो आपके लिए अधिक लाभ वाला हो।