देश में भगवान राम और रामायण से संबंधित सामग्रियों और ग्रंथों में देखने को मिला भारी उछाल
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अब दस दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में राष्ट्र का माहौल भक्तिमय हो गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के अवसर पर श्रद्धालु तरह-तरह के धार्मिक अनुष्ठान करवा रहे हैं। इसी बीच राष्ट्र में ईश्वर राम और रामायण से संबंधित सामग्रियों और ग्रंथों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। राम से संबंधित ग्रंथों की मांग इतनी अधिक हो गई है कि हिंदू धर्मग्रंथों के प्रमुख प्रकाशक गोरखपुर के गीता प्रेस के पास अब रामचरितमानस की प्रतियां समाप्त हो गई हैं और मांगों को पूरा करना कठिन हो रहा है। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन की घोषणा के बाद रामचरितमानस के साथ-साथ सुंदर काण्ड और हनुमान चालीसा की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने बोला कि प्रेस के पास रामचरितमानस का कोई स्टॉक नहीं बचा है। त्रिपाठी ने कहा कि जैसे ही प्रतियां छपती हैं, उन्हें मांग के कारण तुरंत भेज दिया जाता है। तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण संस्करण की प्रतियों की कोई सूची नहीं है।
1 लाख प्रतियां छपी, फिर स्टॉक खत्म- लालमणि त्रिपाठी
लालमणि त्रिपाठी ने यह भी बोला कि आम तौर पर गीता प्रेस ग्रंथ की 75,000 प्रतियां छापता है। इस वर्ष उन्होंने 1 लाख प्रतियां प्रकाशित कीं गई। लेकिन फिर भी सारा स्टॉक समाप्त हो गया है। उन्होंने बोला कि रामचरितमानस के अतिरिक्त सुंदर काण्ड और हनुमान चालीसा की भी मांग बढ़ी है। यह पहली बार है कि गीता प्रेस को अपने स्टॉक में रामचरितमानस की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लालमणि त्रिपाठी ने बोला कि जयपुर से रामचरितमानस की 50,000 प्रतियों की मांग थी और भागलपुर से 10,000 प्रतियों का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन वे ऑर्डर पूरा नहीं कर सके। गीता प्रेस को अपनी शाखाओं से धर्मग्रन्थ वितरित करने के आदेश भी मिल रहे हैं, जिन्हें प्रेस पूरा करने में असमर्थ है। उन्होंने बोला कि 22 जनवरी के बाद जब अयोध्या में भारी भीड़ होगी, तो धर्मग्रंथ की मांग भी बढ़ जाएगी। त्रिपाठी ने यह भी बोला कि मुद्रित पुस्तकों की बढ़ती मात्रा को देखते हुए प्रेस को स्थान की कमी का सामना करना पड़ रहा है।