जाड़े की शुरुआत में भी यूपी के अधिकांश शहरों की आबोहवा खराब
Noida-Ghaziabad News: जाड़े की आरंभ में भी उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहरों की आबोहवा खराब हो गई है। एनसीआर में इसका सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है। यहां क AQI लेवल खतरे के निशान से लगातार ऊपर बना हुआ है। पानी के छिड़काव सहित अन्य तरीकों का कोई असर नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार सुबह की आरंभ भी धुंध के साथ हुई। ऐसे में वायु प्रदूषण के कारण नोएडा पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें प्रदूषण कम करने के लिए बीएस-3 और बीएस-4 गाड़ियों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त मध्यम और भारी डीजल संचालित मालवाहक गाड़ियों की आवाजाही भी प्रतिबंधित की गई है। लोगों से वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील भी की गई है। दरअसल, नोएडा दिल्ली को राष्ट्र के अन्य प्रदेशों से सड़क मार्ग से जोड़ने में अहम कड़ी की तरह काम करता है। इस कारण यहां रोज करीब दस से 12 लाख गाड़ी दूसरे प्रदेश या जिलों से आते हैं और दिल्ली की तरफ जाते हैं। डीसीपी ट्रैफिक अनिल कुमार यादव ने कहा कि जिले में करीब 20 से 25 लाख वाहनों का रोज दिल्ली की तरफ आना-जाना होता है। इसमें से अधिक बीएस-3 और बीएस-4 श्रेणी के गाड़ी शामिल हैं।
सीएक्यूएम मानक का पालन
नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली की तर्ज पर नोएडा के बॉर्डर पर भी एक-एक टीम तैनात कर बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों के अतिरिक्त मध्यम और भारी डीजल संचालित मालवाहक वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया है। डीसीपी ट्रैफिक ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और परिवहन विभाग समेत अपने विभाग के सभी एसीपी, टीआई और टीएसआई के साथ बैठक कर रणनीति तय की है। इसके अनुसार सीएक्यूएम के मानकों का पालन अहमियत से कराने की बात कही गई है। इलेक्ट्रिक और सीएनजी संचालित मालवाहकों को दिल्ली की तरफ आने-जाने से नहीं रोका जाएगा। इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े मालवाहक वाहनों को भी इसमें छूट दी जाएगी।
गाजियाबाद शहर की जहरीली हवा लोगों की बीमार कर रही है। रोगियों की संख्या में भी 30 फीसदी का बढ़ोत्तरी हुआ है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) भी 400 के करीब पहुंच चुका है। खराब हालात को देखते हुए डीएम राकेश कुमार सिंह ने प्रदूषण फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बोला कि लोग वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें, इससे प्रदूषण में कुछ हद तक राहत मिल जाएगी। सुबह और शाम के समय रोड, अन्य पब्लिक प्लेस पर पानी के छिड़काव किया जा रहा है।
इसके साथ ही एनएचएआई को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने प्लांट पर सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी की तैनाती करें। ये तय कराएं कि प्लांट का संचालन अधिनियमों के अनुसार किया जाए। एनएचएआई को बोला गया है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर लालकुआं, डायमंड फ्लाईओवर अंडरपास और तिगरी कट के पास एंटी स्मॉग गन रखें। जिन उद्योगों से प्रदूषण फैल रहा है, उनके विरुद्ध तेजी से कार्रवाई की जाए, जिन फैक्टरियों में चिमनियां लगी हैं, उनकी जांच की जाए कि उनमें स्क्रब लगे हैं या नहीं।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
- कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में भारी गाड़ी नो एंट्री का पालन करते हुए जाएंगे। रेत और बालू वाले गाड़ी रेत और बालू को ढक कर और पानी का छिड़काव करके ले जाएं।
- स्वच्छ पर्यावरण प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए गाड़ी चालक प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेट रखें। वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जरूरी है।
- कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में 10 साल पुराने डीजल एवं 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिंबधित है। 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालित पाए जाने पर मोटर गाड़ी अधिनियम के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
- छोटी दूरी तय करने के लिए साइकिल का प्रयोग करें।
- निजी वाहनों के बजाय आमजन यदि संभव हो तो अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें।
- कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में सभी गाड़ी चालक यातायात सिग्नल पर रुकते समय अपने गाड़ी का इंजन साफ कर लें।
- सभी गाड़ी चालक अपने वाहनों को सार्वजनिक मार्ग पर न खड़ा कर निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करें।