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कैलाश की यात्रा करने वाले नरेंद्र मोदी है देश के पहले प्रधानमंत्री

पचीन की सीमा से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आदि कैलाश की यात्रा करने वाले नरेंद्र मोदी राष्ट्र के पहले पीएम है बृहस्पतिवार को उनकी यह यात्रा ना सिर्फ़ कुमाऊं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बहुत जरूरी रही

अपनी यात्रा के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई संदेश दिए चीन-नेपाल को साफ कर दिया कि यह नया हिंदुस्तान है यह हिंदुस्तान न किसी से डरता है न किसी को डराता है अपनी धार्मिक यात्रा के जरिये मोदी खासतौर पर चीन को चुनौती दे गए पांच प्रश्नों के जरिये जानिए राष्ट्र के पीएम ने चीन के गले तक पहुंचने के लिए कैसे बनाया पूरा प्लान? उस प्लान पर अब आगे कैसे प्रारम्भ होगा काम, जिससे न सिर्फ़ मानसखंड का विकास होगा बल्कि चीन और नेपाल सीमा तक हिंदुस्तान की क्षमता में भी दिनों दिन बढ़ोत्तरी होगा…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश की यात्रा क्यों की ?

  • कोरोना के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद है इसके कारण सीमांत के गांवों के लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है पीएम की यात्रा के बाद तय है कि आदि कैलाश यात्रा को लेकर देशवासियों और विदेशी पर्यटकों में भी उत्साह बढ़ेगा जिसके बाद नए सिरे से आर्थिक गतिविधियां प्रारम्भ होंगी
  • पीएम के आने से क्या कुमाऊं में धार्मिक पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा?
  • जी हां, जिस तरह से मोदी ने केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और महाकाल के मंदिरों का विकास किया उसके बाद शिव धाम में धार्मिककि पर्यटन में बढ़ोत्तरी हुआ उसी तरह अब आशा की जा रही है कि आदि कैलाश और जागेश्वर धाम के आसपास सड़कें और संसाधनों में बढ़ोत्तरी करने से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी

प्रधानमंत्री की यात्रा से क्या पहाड़ पर पलायन रुक जाएगा ?

  • मोदी की इस यात्रा के बाद बताया जा रहा है कि सीमांत गांवों में विकास के पंख लगेंगे और धार्मिक और साहसिक पर्यटन  बढ़ेगा इससे क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे खासतौर पर होमस्टे और होटल की गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे पलायन रुकेगा और रोजगार की तलाश में बाहर गए लोग भी वापस आने के लिए प्रेरित होंगे इससे सीमा पर हिंदुस्तान की स्थिति और मजबूत होगी

भारतीय सेना को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने किस तरह का दया संदेश? 

    • पीएम मोदी हर वर्ष त्योहार जवानों के साथ मनाते आए हैं, जिसका मकसद जवानों का हौसला बढ़ाना होता है इस बार भी पीएम ठीक त्योहार से पहले अपनी धार्मिक यात्रा पर आए लेकिन जवानाें से मुलाकात करना नहीं भूले उन्होंने अर्द्धसैनिक बल के जवानों की भी कुशलक्षेम पूछी

सामरिक दृष्टि से पीएम मोदी की यह यात्रा कितनी जरूरी है? 

सामरिक दृष्टि से मोदी की यह यात्रा सबसे अधिक जरूरी है इस यात्रा के जरिये पीएम ने अपने पड़ोसी राष्ट्र चीन को जहां संदेश देने की प्रयास की है कि हम न किसी से डरते हैं वहीं नेपाल को संदेश दिया है कि न हम किसी को डराते हैं यहां पर नेपाल और चीन की ओर से अक्सर टकराव की खबरें आती रहती हैं इस यात्रा से चीन की सीमा तक विकास होगा? हर तरह के संसाधन विकसित होंगे मोदी की इस यात्रा के बाद सड़क से लेकर हर तरह के विकास कार्य तेज होंगे

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