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राजस्थान में जातिगत सर्वेक्षण कराने के आदेश पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने साधा निशाना,कहा…

Jaipur news: राजस्थान में जातिगत सर्वेक्षण कराने के आदेश पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निशाना साधा है राठौड़ ने बोला कि चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना सीएम अशोक गहलोत की फितरत है राज्य गवर्नमेंट ने बिहार के बाद अब राजस्थान में भी जातिगत जनगणना को लेकर सर्वेक्षण का आदेश जारी किया है गवर्नमेंट की ओर से जनगणना के लिए जारी किए गए इस सर्वेक्षण के आदेश पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निशाना साधा है

राठौड़ ने बोला कि 1931 के बाद राष्ट्र में जाति जनगणना नहीं हुई जातिगत जनगणना का अधिकार संविधान की सेंटर लिस्ट में है जनगणना करने वाली सारी मशीनरी अध्यापक, राजस्व कर्मचारी अधिकारी सभी चुनाव में लगी हुई है सबको पता है कि इस मशीनरी का इस्तेमाल किसी भी मूल्य में दूसरे कामों पर नहीं हो सकता राठौड़ ने बोला कि चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना सीएम अशोक गहलोत के फितरत है सीएम खोए हुए जनाधार के लिए इस प्रकार की शगूफा छोड़ रहे हैं

बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व समय पर लेगा फैसला
राजेंद्र राठौड़ ने बोला कि अगले कुछ घंटों में कभी भी आचार संहिता लग सकती है सीएम इस प्रकार की थोथी घोषणा कर कानून व्यवस्था, पेपर लीक, स्त्री अपराध, किसान ऋण माफी जैसे मूल बातों से ध्यान हटा रहे हैं वहीं जनगणना पर भाजपा की स्टैंड को लेकर राठौड़ ने बोला कि बीजेपी जरूरत महसूस करेगी तो केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में फैसला लेगा जो भी करना होगा हमारी गवर्नमेंट संविधान के दायरे में करेगी, लेकिन हमारी धोखाध़डी करने की आदत नहीं | राठौड़ ने बोला कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व में रिफाइनरी का शिलान्यास आचार संहिता लगने के 13 दिन पहले सोनिया गांधी से करवाई थी, यह असुरक्षा है कि रेट से ग्रसित हो चुके हैं

गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात मीडिया से मुखातिब होकर बोला था कि राजस्थान गवर्नमेंट भी बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना करवाएगी इसके अगले दिन शनिवार को गवर्नमेंट ने जातिगत जनगणना का सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी कर दिए भाजपा और जानकारों का बोलना है कि आचार संहिता से पहले कुछ नहीं हो पाएगा, लेकिन अगली गवर्नमेंट पर इसका दबाव जरूर होगा करवाएगी इसके अगले दिन शनिवार को गवर्नमेंट ने जातिगत जनगणना का सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी कर दिए भाजपा और जानकारों का बोलना है कि आचार संहिता से पहले कुछ नहीं हो पाएगा, लेकिन अगली गवर्नमेंट पर इसका दबाव जरूर होगा अब देखना है कि जनता इस मुद्दे में किसके पक्ष में दिखाई देती है

 

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