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यहाँ जानिए, भोलेनाथ के बारह ज्योतिर्लिंग के बारे में…

पुराणों में बोला गया है कि जब तक महादेव के इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर लेते, आपका आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता सावन की अंतिम सोमवारी आने वाली है, आइए जानें भोलेनाथ के बारह ज्योतिर्लिंग के बारे में

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित ये ज्योतिर्लिंग राष्ट्र का पहला ज्योतिर्लिंग है, जिसे सोमनाथ के नाम से जाना जाता है शिव पुराण के अनुसार, जब चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने क्षय बीमारी का श्राप दिया था, तब इसी जगह पर शिव जी की पूजा और तप करके चंद्रमा ने श्राप से मुक्ति पाई थी

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

अगर बात करें मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की, तो हम आपको बता दे कि हमारे हिंदुस्तान के आंध्र प्रदेश राज्य के भीतर कृष्णा नदी के किनारे पर बसा हुआ है, यह ज्योतिर्लिंग श्री शैलम नामक पर्वत पर स्थित है इतना ही नहीं, यह ज्योतिर्लिंग हमारे हिंदुस्तान राष्ट्र के 12 ज्योतिर्लिंगों में से द्वितीय जगह पर स्थित है, इसलिए इसका भी महत्व बहुत ही अधिक है, और लाखों की संख्या में लोग इसके दर्शन के लिए यहां आते हैं

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशाल आध्यात्मिक महत्व है यह ज्योतिर्लिंग मध्य हिंदुस्तान के लोकप्रिय बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण पांच वर्ष के लड़के श्रीकर ने कराया था बोला जाता है कि श्रीकर उज्जैन के राजा चंद्रसेन की भक्ति से काफी प्रेरित था

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्‍य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है और नर्मदा नदी के किनारे पर्वत पर स्थित है मान्‍यता है कि तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओंकारेश्वर में अर्पित करते हैं तभी उनके सारे तीर्थ पूरे माने जाते हैं इस जगह पर पहाड़ी के चारो ओर नदी बहती है और ऊॅं का आकार बनता है इस मंदिर में देवी पार्वती और पांच मुखी गणपति के भी मंदिर हैं

केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग

दोस्तों आपको केदारनाथ के बारे में तो मालूम ही होगा, क्योंकि यह हमारे हिंदू धर्म के चार धामों में से एक विशेष स्थान है, जहां लाखों की संख्या में लोग चार धाम की यात्रा करने तथा केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए जाते हैं यदि बात करें केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की, तो हम आपको बता दें कि यह मंदिर हमारे हिंदुस्तान के उत्तराखंड राज्य के भीतर हिमालय पर्वत की केदार नामक चोटी पर स्थित है जिसे की केदारनाथ के मंदिर के नाम से जाना जाता है, और ज्योतिर्लिंग को केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पांच ज्योतिर्लिंग मै से एक है अब प्रश्न यह आता है की भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहां पर है भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले से 110 किमी दूरी पर स्थित है जिसे को मोटेश्वर मंदिर नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर सुहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है यहां से भीमा नामक नदी बहती है जो दक्षिण पश्चिम दिशा में बहती हुई रायचूर जिले में कृष्णा नदी से मिलती है

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

अगर बात करें रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर की, तो मैं आपको बता दू, कि हमारे हिंदुस्तान के तमिलनाडु राज्य के भीतर रामनाथपुरम जिले में स्थित शिव जी को समर्पित एक मंदिर है इतना ही नहीं इसे हमारे हिंदुस्तान राष्ट्र में चार धामों की यात्रा में से एक में शामिल भी किया जाता है, यानी कि यह बहुत ही अधिक मशहूर मंदिर है

नागेश्वर ज्योर्तिलिंग

नागेश्वर ज्योर्तिलिंग गुजरात में बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के पास में स्थित है इस ज्योर्तिलिंग को नागेश्वर ज्योर्तिलिंग के नाम से जाना जाता है धार्मिक पुराणों में ईश्वर शिव को नागों का देवता कहा गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है

काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग

उत्तरप्रदेश के वाराणासी में स्वर्ण मंदिर के रूप में मशहूर काशी विश्वनाथ हिंदुस्तान में 12 ज्योतिर्लिगों में सबसे अधिक लोकप्रिय है ईश्वर शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं, हम आपको बता दें कि एक बार की बात है शिवजी और पार्वती जी के शादी के बाद शिव जी कैलाश पर्वत पर निवास कर रहे थे, और पार्वती जी उनके पिताजी के यहां थी जहां उनका मन नहीं लग रहा था जिसकी वजह से पार्वती जी ने शिव जी से आग्रह की, कि वह उनके पिताजी के यहां आए, और उन्हें वहां से ले जाएं, क्योंकि उनका वहां मन नहीं लग रहा है जिसके बाद शिव जी पार्वती जी के पास गए, और उन्हें वहां से लेकर काशी आ गए, और उन्होंने वहीं पर निवास करने का निश्चय किया, और उन्होंने इस जगह पर अपने आप को ज्योति के रूप में स्थापित किया, जहां पर अभी यह विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थापित है

त्र्यंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग

दसवां ज्योर्तिलिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है इस ज्योर्तिलिंग को त्र्यंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग के नाम से जाना जाता है त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है इसी पर्वत से गोदावरी नदी प्रारम्भ होती है

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

देश के सबसे अधिक पूजे जाने वाले ज्योतिर्लिंग में से एक है वैद्यनाथ | वैजनाथ भी हिंदू धर्म के सती के 52 शक्तिपीठों मै से एक है पौराणिक कथाओं और 12 ज्योतिर्लिंग कहानी के मुताबिक यहां रावण ने सालों तक शिव की अराधना की थी और शिव को लंका में आमंत्रित कया था शिव ने शिवलिंग के रूप में स्वयं को रावण को सौंपा और बोला कि लंका के पहुंचने तक ये शिवलिंग नीचे नहीं गिरना चाहिए, लेकिन रावण ने ईश्वर शिव की अवज्ञा की और लंका पहुंचने से पहले ही शिवलिंग उनके हाथों से नीचे गिर गया जहां ये शिवलिंग गिरा वहीं ईश्वर शिव देवघर में वैद्यनाथ के रूप में निवास करने लगे सावन के महीने में यहां अधिक पदयात्रा होती हैं, लोगों का मानना है कि यहां ईश्वर शिव की आराधना करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है

घृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग

बारहवां ज्योर्तिलिंग महाराष्ट्र में स्थित है यह आखिरी ज्योर्तिलिंग है इस ज्योर्तिलिंग को घृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग के नाम से भी जाना जाता है जिस जगह पर यह ज्योर्तिलिंग स्थित है, उसे शिवालय के नाम से भी जाना जाता है

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