Kanpur में पीयूष जैन और तेरह अन्य के विरुद्ध DGGI ने कोर्ट में 160300 पन्नों की सप्लिमेंट्री चार्जशीट की…
Kanpur: कानपुर के आनंदपुरी निवासी इत्र व्यवसायी पीयूष जैन और तेरह अन्य लोगों के खिलाफ स्पेशल सीजेएम कोर्ट कानपुर में केस चलेगा। महानिदेशालय GST इंटेलिजेंस (DGGI) ने न्यायालय में 160300 पन्नों की सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। मुद्दे में 13 और व्यवसायी के नाम बढ़ाए गए हैं। इस तरह मुद्दे में कुल 14 आरोपी हो गए हैं। इसमें कानपुर नगर और कन्नौज के बड़े व्यवसायी भी शामिल हैं। पूरे मुद्दे में अब तक अरबों की टैक्स चोरी पाई गई है। न्यायालय में इस मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए सभी को समन जारी किया है। अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को स्पेशल सीजेएम न्यायालय में होगी।
196 करोड़ नगद हुआ था बरामद
बता दें की डिजीजीआई ने 23 दिसंबर 2021 को कानपुर के आनंदपुरी स्थित पीयूष जैन के आवास और कन्नौज स्थित कार्यालय और फैक्ट्री में छापा मारा था। कल 4 दिन तक कार्रवाई चली थी। इस दौरान 196 करोड रुपए से अधिक नगद बरामद हुए थे। 23 किलोग्राम सोना और 600 लीटर चंदन का ऑयल भी बरामद किया गया। मुद्दे में पियूष पर दो मुकदमे दर्ज हुए थे। 27 दिसंबर को पियूष को कारावास भेजा गया था। 254 दिन कारावास में रहने के बाद उसे न्यायालय से जमानत मिली थी।
13 व्यवसायी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल
जिन 13 उद्यमियों के खिलाफ चर्चित दाखिल की गई है। उनमें अमित जैन, महेश चंद्र जैन मेसर्स त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्रालि कानपुर, दीपक अग्रवाल, शैलेंद्र मित्तल मेसर्स गणपति रोड करियर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रवीण कुमार जैन, राजन जैन मैसेज कुशल चंद्र इंटरनेशनल प्रालि और सुनील ए हिरानी के साथ मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज कन्नौज, कल्पना जैन प्रोपराइटर फ़्लोरा नैचुरली कन्नौज शामिल है। सरकारी वकील अमरीश कुमार टंडन ने कहा कि जस्टिस सुशील कुमार सिंह की न्यायालय ने मुद्दे का संज्ञान लिया है।
षड़यंत्र की पत्रावली दाखिल नहीं की
डीजीजीआई पहले पीयूष जैन समेत 13 आरोपियों को 120 बी षड़यंत्र का आरोपित मानकर छानबीन कर रही थी। न्यायालय के समक्ष दाखिल चार्जशीट में डीजीजीआई ने 132 GST एक्ट की धारा लगाई है। जिसमे न्यायालय ने अभियोजन स्वीकृति आदेश दिया है। जिसमें टैक्स चोरी होती है। न्यायालय की ओर से जारी आदेश में बोला गया कि धारा 120 बी के संबंध में कोई अभियोजन स्वीकृति पत्रावली दाखिल नहीं है। इसलिए अब किसी पर षड़यंत्र की धारा का संज्ञान नहीं लिया गया है। केवल टैक्स चोरी का मुद्दा चलेगा। इसमे भी पांच वर्ष की सजा है। षड़यंत्र की पत्रावली दाखिल नहीं की।