कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर मध्य प्रदेश के कटनी में FIR दर्ज करने की हुयी मांग
Madhya Pradesh News: अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध मध्य प्रदेश के कटनी जिले में FIR दर्ज करने की मांग की गई है। धीरेंद्र शास्त्री पर इल्जाम है कि उन्होंने 2 सितंबर को राजस्थान के सीकर जिले में कथा के दौरान वंशकार समाज के विरोध टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में वंशकार समाज के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर चक्का जाम कर दिया ओर खूब नारेबाजी की। इस दौरान बागेश्वर गवर्नमेंट पर एससी एसटी एक्ट के अनुसार कार्रवाई करने की मांग की गई।
विरोध का नेतृत्व कर रहे एस एल वंशकार ने कहा कि 2 सितंबर को राजस्थान के सीकर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री कथा कहने आए हुए थे। कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने बसोड़ वंशकार समाज के विरुद्ध कुछ टिप्पणी कर दी थी। इसको लेकर नाराज वंशकार ने एक जुलूस निकाला और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट के अनुसार मुकदमा दर्ज करने की मांग की जा रही है। विरोध करने रहे लोगों ने धमकी दी थी कि यदि धीरेंद्र शास्त्री के ऊपर मुद्दा दर्ज नहीं होता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सारी जवाबदारी प्रशासन की होगी।
शिवराज के गृह जिले में हो चुका विरोध
इससे पहले इसी बयान को लेकर वंशकार समाज ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में जमकर विरोध किया और FIR दर्ज करने की मांग की। इस दौरान समाज के लोगों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। साथ ही जल्द से जल्द से बागेश्वर बाबा की गिरफ्तारी की मांग की। वंशकार समाज के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री का विरोध करते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है। समाज के लोगों का बोलना है कि उनके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी टिप्पणी की वजह से पूरे समाज को दुख पहुंचा है।
प्रदेश में वंशकार समाज की 35 लाख आबादी
वंशकार समाज के लोगों ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में वंशकार समाज की जनसंख्या करीब 35 लाख है। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर समाजजनों की भावनाओं को आहत किया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे हों। वे कई बार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छा चुके हैं।