मणिपाल हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट सेंटर की मान्यता हुई निलंबित
राजस्थान न्यूज डेस्क !!! फर्जी एनओसी पर आर्गन ट्रांसप्लांट एसएमएस में भी किए गए. यह जिक्र गवर्नमेंट द्वारा गठित हाईलेवल कमेटी की ओर से बनाई जा रही अंतरिम रिपोर्ट में है. पड़ताल में आया कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में हुए 8 ट्रांसप्लांट में डोनर और रिसीवर में ब्लड रिलेशन नहीं था. दूसरी ओर, फर्जी एनओसी से ट्रांसप्लांट में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मणिपाल हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट सेंटर की मान्यता निलंबित कर दी.
इन ट्रांसप्लांट के लिए इंटरनल कमेटी को एनओसी देनी थी लेकिन बैठक नहीं हुई. प्रश्न यह है कि फिर एनओसी कैसे जारी कर दी गई? एसएसबी में 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2023 तक 50 किडनी ट्रांसप्लांट किए गए. दूसरी ओर, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने फर्जी एनओसी पर मणिपाल हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट सेंटर की मान्यता निलंबित कर दी है.
यूपी और चेन्नई से गड़बड़ी की सूचना मिली लेकिन जांच गौरव को ही मिली
एसएमएस सहित प्रदेश में ट्रांसप्लांट लंबे समय से शक के घेरे में थे. एक वर्ष पहले जहां तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने इस संबंध में पत्र लिखा था, वहीं चेन्नई और उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों ने भी इस संदर्भ में पत्र लिखा था। वर्ष 2020 में जारी इस पत्र में राजस्थान से जारी होने वाली एनओसी के ढंग पर शक जताया गया था। लेकिन इस मुद्दे की जांच भी गौरव सिंह को दी गई। इस तरह ये पत्र और मुद्दा पूरी तरह ख़त्म हो गया। यदि उस समय भी समिति, हॉस्पिटल प्रशासन और सोटो को जानकारी होती तो फर्जी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता.
1 चिकित्सक 3 पद : समिति में, सोटो और अति में. अधीक्षक भी
एसएसबी में ट्रांसप्लांट के लिए बनी आंतरिक कमेटी में डाॅ। अजित सिंह हैं ये सोटो में प्रत्यारोपण समन्वयक हैं. प्रत्यारोपण की अनुमति के लिए उनके हस्ताक्षर जरूरी हैं. हॉस्पिटल में होने वाले हर प्रत्यारोपण में सोटो के बारे में जानकारी होनी चाहिए और उन्हें भी यह पता होना चाहिए. डॉ. अजीत सिंह एसएमएस में अतिरिक्त अधीक्षक और आरयूएचएस में अधीक्षक के पद पर भी हैं, इसलिए उन्हें इस पूरे मुद्दे की जानकारी होनी चाहिए थी।
किसी कमेटी में शामिल किये जाने का उत्तर अलग है
डॉ। अजीत सिंह: कोई जानकारी नहीं दी.
डॉ। अजय यादव: बैठक 2023 में हुई थी। मेरी तबीयत खराब होने की स्थिति में डाक्टर अंकुर गुप्ता मीटिंगों में जाते थे।
डॉ। पीएस लांबा और डाक्टर महेंद्र: मैं रिटायर हो गया हूं। याद नहीं है कि मीटिंग हुई थी।
डॉ। आरके पूनिया ने कोई जानकारी नहीं दी।
भावना: मीटिंग में नहीं बुलाया गया।