लेटैस्ट न्यूज़

एक मई को बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश:बैंकिंग प्रणाली निजी बैंकिंग से जुड़े क्षेत्रों में परिवर्तन होगा


पंचांग की गणना के मुताबिक एक मई को नवग्रह में देवता का पद प्राप्त किए हुए बृहस्पति मेष राशि को छोड़कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. वृषभ राशि के स्वामी शुक्र है. यह तत्कालिक दृष्टिकोण से बृहस्पति से शत्रुता रखते है, फिर भी सौम्य राशि के असर का क्रम होने से बृहस्पति का वृषभ राशि में परिभ्रमण अनुकूल रहेगा. वृषभ राशि में बृहस्पति का समय 1 साल का रहेगा. इस कालखंड में वक्री मार्गी होने का भी असर संसार में धर्म, अध्यात्म, संस्कृति में दिखाई देगा. पं अमर डिब्बेवाला ने कहा कि बृहस्पति ग्रह को धर्म, ज्ञान, प्राचीन इतिहास तथा उच्च शिक्षा, बैंकिंग आदि का कारक कहा गया है. बृहस्पति वृषभ राशि में एक अलग प्रकार का असर तय करते हैं. यह मुख्यत: उन लोगों के लिए है जो बौद्धिक स्तर से रहस्य और सनातन संस्कृति या धर्म के संबंध को बारीकी से समझना चाहते है. वे लोग वैज्ञानिक और तार्किक दृष्टिकोण से धर्म अध्यात्म संस्कृति का अनुभव करेंगे. इसी तरह बैंकिंग प्रणाली या निजी बैंकिंग से जुड़े क्षेत्रों में बदलाव होगा और भारतीय मुद्रा का असर एक अलग प्रकार से अपने बाजारवाद की स्थिति को साफ करेगा. बैंकों की क्रिया पद्धति में ओर भी सुधार होंगे. हिंदुस्तानियों के जीवन शैली में बड़ा परिवर्तन आने वाले समय में दिखाई देगा. यह स्थिति आर्थिक तंत्र की मजबूती तथा भविष्य को सुरक्षित रखने की दृष्टिकोण से किया जाएगा. विदेश में भारतीय संस्कृति का प्रभुत्व बढ़ेगा- बृहस्पति को धर्म अध्यात्म का कारक तो कहा ही गया है. जब वृषभ राशि में परिभ्रमण रहेगा तो यह धर्म, अध्यात्म, अपनी संस्कृति को अन्य संस्कृतियों से भी स्पर्श करेगा यह बोला जा सकता है की वृषभ राशि में बृहस्पति का गोचर विदेशों में भारतीय संस्कृति धर्म परंपरा को आगे बढ़ाएगी. भारतीय संस्कृति का असर विदेशी लोगों पर अलग प्रकार से रहेगा.

Related Articles

Back to top button