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1 फरवरी से बदल रहा है मनी ट्रांसफर का तरीका, यहाँ जानें पूरी डिटेल

IMPS मनी ट्रांसफर नियम: अगर इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं तो यह समाचार आपके लिए है दरअसल, 1 फरवरी से IMPS से पैसे ट्रांसफर करने के एक नियम में परिवर्तन होने जा रहा है अब आप आईएमपीएस के जरिए बिना फायदा लिंक किए 5 लाख रुपये तक बैंक खाते में भेज सकते हैं सरल शब्दों में, अब आपको IMPS से पैसे ट्रांसफर करने के लिए लाभ पाने वाले के खाता नंबर और IFSC कोड की जरूरत नहीं है अब आप केवल बैंक का नाम और लाभ पाने वाले का मोबाइल नंबर दर्ज करके पैसे भेज सकते हैं गौरतलब है कि अभी तक यदि आईएमपीएस के जरिए बड़ी धनराशि एक खाते से दूसरे खाते में भेजनी हो तो सबसे पहले लाभ पाने वाले का नाम, खाता नंबर और आईएफएससी कोड दर्ज करना होता था

पिछले वर्ष आया था सर्कुलर
पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी किया था सर्कुलर में 31 जनवरी 2024 तक सभी IMPS चैनलों पर मोबाइल नंबर + बैंक नाम के जरिए फंड ट्रांसफर करने और स्वीकार करने को बोला गया है सर्कुलर के अनुसार, बैंक मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग चैनलों पर भुगतानकर्ता/लाभार्थी के रूप में सफलतापूर्वक वैध मोबाइल नंबर के अतिरिक्त बैंक का नाम जोड़ने का विकल्प प्रदान करेगा एनपीसीआई के मुताबिक, लाभ पाने वाले के बैंक खाते में नाम के आधार पर सत्यापन किया जा सकता है

इस बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है
कि जब भी आप IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने जा रहे हों तो सबसे पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए सबसे पहली बात तो यह है कि जो आदमी यानी लाभ पाने वाले एक से अधिक बार पैसा भेजना चाहता है उसका नाम और मोबाइल नंबर कन्फर्म कर लें सत्यापन के बाद पैसा भेज दिया जाएगा इसके अतिरिक्त अपने डेबिट कार्ड की जानकारी (कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर) किसी भी अनजान आदमी के साथ साझा न करें अगर आपके पास किसी भी प्रकार का वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी है तो उसे साझा न करें इसके अतिरिक्त अज्ञात नंबरों पर एसएमएस अग्रेषित न करें और अपना नेट/मोबाइल बैंकिंग लॉगिन पासवर्ड साझा न करें

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