खातियानी झारखंडी पार्टी प्रमुख अमित महतो को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
सोनाहातू सीओ के साथ हाथापाई मुद्दे में सिल्ली के पूर्व विधायक और खातियानी झारखंडी पार्टी प्रमुख अमित महतो को जमानत मिल गई है। उन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली है। आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के बाद न्यायाधीश जस्टिस आर एस बोपन्ना और जस्टिस नरसिम्नहन की बेंच ने जमानत दी है। पूर्व विधायक अमित महतो की ओर से उच्चतम न्यायालय में वरीय अधिवक्ता संजीव कुमार ने बहस की।
2006 में पूर्व विधायक ने की थी मारपीट
दरअसल जिस मुद्दे में अमित महतो को जमानत दी गई है, वह 28 जून 2006 का है। तब अमित महतो सिल्ली विधानसभा के विधायक थे। उन्होंने सोनहातू के तत्कालीन अंचल अधिकारी आलोक कुमार के साथ हाथापाई की थी। इस मुद्दे में सोनहातू पुलिस स्टेशन में मुद्दा दर्ज किया गया था। यह मुद्दा मुकदमा संख्या 42/2006 के अनुसार दर्ज किया गया था। इस मुद्दे में सेशन न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आईपीसी की धारा 506 के अनुसार अधिकतम दो वर्ष की सजा पूर्व विधायक को सुनाई थी।
हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
सेशन न्यायालय से दो वर्ष की सजा मिलने के बाद उन्होंने निर्णय को चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। जहां उच्च न्यायालय ने सिविल न्यायालय की सजा को कम करते हुए उसे एक वर्ष कर दिया लेकिन उच्च न्यायालय के जजमेंट से भी संतुष्ट नहीं होने के बाद अमित महतो के वकील ने सजा को और भी कम करवाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। नियम के अनुसार उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करने के तुरंत बाद भी याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का सम्मान करते हुए सरेंडर करना पड़ता है। इसी नियमावली के अनुसार 27 जून 2023 को विधायक अमित महतो ने सरेंडर किया था।
विधानसभा घेराव मुद्दे में मिल चुकी है जमानत
वहीं 3 अगस्त 2022 को विधानसभा सत्र के दौरान उनके और उनके सहयोगियों के द्वारा विधानसभा घेराव किया गया था। इस मुद्दे में गवर्नमेंट की ओर से धुर्वा थाना में मुकदमा संख्या 208/22 के अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुद्दे में सिविल न्यायालय के न्यायाधीश एसएन शहजाद की न्यायालय ने आईपीसी की धारा 341, धारा 283, धारा 353 और धारा 506 के अनुसार दर्ज मुद्दे की सुनवाई करते हुए 18 अगस्त को दोनों पक्षों की दलील को गौर से सुना गया और निर्णय सुरक्षित रख लिया। इसके बाद 19 अगस्त को ऑर्डर दिया। जिसमें सभी मामलों में पूर्व विधायक को जमानत दे दी गई।