रांची में सेना की जमीन घोटाला मामले के मुख्य आरोपी दिलीप घोष को हाइकोर्ट ने दी जमानत
झारखंड की राजधानी रांची में हुए सेना की जमीन भ्रष्टाचार मुद्दे के मुख्य आरोपी दिलीप घोष को झारखंड हाइकोर्ट ने जमानत दे दी है। बीते 09 नवंबर को उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए जमानत पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान दिलीप घोष की ओर से न्यायालय को कहा गया था कि इस मुद्दे में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 28 नवंबर को निर्णय सुनाने की बात कही थी। आज निर्णय सुनाते हुए जमानत दे दी।दिलीप घोष जगत बंधु टी स्टेट प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। इस भ्रष्टाचार में जमानत पाने वाला यह पहला आरोपी होगा। दिलीप घोष को प्रवर्तन निदेशालय ने जून माह में कोलकाता से अरैस्ट किया था। तब से वह कारावास में बंद था।
दिलीप घोष पर क्या है आरोप
रांची में सेना की जमीन को कागज में धांधली कर बेचा गया था। यह जमीन 4.55 एकड़ है। इस जमीन को जगत बंधु टी स्टेट प्रा।लि। के मालिक दिलीप घोष और व्यवसायी अमित अग्रवाल ने लिया था। इस जमीन की सरकारी मूल्य 20 करोड़ से अधिक थी लेकिन इसे महज करीब 7 करोड़ में खरीदा गया था। इस मुद्दे में कई लोगों को प्रवर्तन निदेशालय ने अरैस्ट किया है। दिलीप घोष इस मुद्दे का पहला आरोपी है, जिसे उच्च न्यायालय ने जमानत दी है।
जमीन घोटाले में अब तक की गिरफ्तारी
14 अप्रैल: प्रदीप बागची, अधिकारी अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान और भानु प्रताप प्रसाद।
चार मई: रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित आइएएस छवि रंजन।
सात जून: दिलीप कुमार घोष और अमित कुमार अग्रवाल।
तीन जुलाई: भरत प्रसाद और राजेश राय।
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल।
11 अगस्त 2023: प्रेम प्रकाश।
कैसे हुआ था आर्मी लैंड स्कैम का खुलासा
सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा का खुलासा सबसे पहले आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था। रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि प्रदीप बागची नामक आदमी ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेची है। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो भिन्न-भिन्न कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।