रूस के संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी देशों की बढ़ी चिंताएं
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियोन हा ग्यू ने एक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि दक्षिण कोरिया की सेना का आकलन है कि किम की ट्रेन मंगलवार तड़के किसी समय रूस में दाखिल हुई।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को रूस पहुंचे, जहां उनके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने की आसार है।
उत्तर कोरिया के परमाणु-सक्षम हथियारों और युद्ध सामग्री कारखानों की जिम्मेदारी संभालने वाले शीर्ष सेना अधिकारी भी किम के साथ रूस पहुंचे हैं।
इस यात्रा से यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर रूस के संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी राष्ट्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने कहा कि किम राष्ट्र की राजधानी प्योंगयांग से रविवार को अपनी निजी ट्रेन में सवार हुए और उनके साथ सत्तारूढ़ दल, गवर्नमेंट और सेना के सदस्य थे।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियोन हा ग्यू ने एक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि दक्षिण कोरिया की सेना का आकलन है कि किम की ट्रेन मंगलवार तड़के किसी समय रूस में दाखिल हुई। उन्होंने यह नहीं कहा कि उनकी सेना को जानकारी कैसे मिली।
रूस गए किम के प्रतिनिधिमंडल में उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चो सन हुई और ‘कोरियन पीपुल्स आर्मी’ मार्शल री प्योंग चोल और पाक जोंग चोन समेत उनके शीर्ष सेना ऑफिसरों के शामिल होने की आसार है।
जापानी प्रसारणकर्ता ‘टीबीएस’ ने अज्ञात रूसी क्षेत्रीय ऑफिसरों का हवाला देते हुए कहा कि किम की ट्रेन सीमा पार कर सीमावर्ती शहर खासन पहुंची।
रूस गवर्नमेंट की वेबसाइट पर सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा गया था कि किम पुतिन के निमंत्रण पर ‘‘आगामी दिनों’’ में रूस की यात्रा करेंगे।
केसीएनए ने बोला था कि नेताओं के बीच मुलाकात होगी, लेकिन उसने यह नहीं कहा था कि नेता कब और कहां मिलेंगे।
रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, बैठक का संभावित जगह पूर्वी रूस में स्थित शहर व्लादिवोस्तोक है, जहां पुतिन बुधवार तक चलने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार को पहुंचे हैं। वर्ष 2019 में पुतिन ने इसी जगह पर किम से पहली बार मुलाकात की थी।
अमेरिकी ऑफिसरों के अनुसार, पुतिन हथियारों के घटते भंडार को फिर से भरने के लिए उत्तर कोरियाई तोपों और अन्य गोला-बारूद की अधिक आपूर्ति हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बोला कि पुतिन यूक्रेन के जवाबी हमलों को शांत करना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि वह एक लंबे युद्ध को चलाने में सक्षम हैं।
ऐसा होने पर अमेरिका और उसके साझेदारों पर वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अधिक दबाव पड़ सकता है क्योंकि पिछले 17 महीनों में यूक्रेन को उन्नत हथियारों की भारी भरकम खेप भेजने के बावजूद लंबे संघर्ष के समाप्त होने के संकेत नहीं मिले हैं।