गाजा के लोगों को दूसरे देश में धकेलने के खिलाफ दी चेतावनी
अब मुसलमान राष्ट्रों ने भी गाजा से शरणार्थियों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। जॉर्डन के राजा ने बोला है कि उनका राष्ट्र और मिस्र एक भी शरणार्थी को अपने राष्ट्र में आने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने गाजा के लोगों को दूसरे राष्ट्र में धकेलने के विरुद्ध भी चेतावनी दी। गाजा में बड़ी संख्या में लोग दूसरे राष्ट्रों में जाना चाहते हैं।
गाजा पर इजरायली हमले और उत्तरी क्षेत्र को खाली करने के आदेश के बाद गाजा में बवाल मचा हुआ है। हर तरफ तबाही का मंजर है। गाजा के अस्पतालों में पैर रखने की स्थान नहीं है। संयुक्त देश ने भी गाजा में खाद्य संकट की चेतावनी दी है। गाजा में आने वाली मानवीय सहायता मिस्र के साथ राफा सीमा पर रुकी हुई है। ऐसे में गाजा के लोग अपना घर छोड़कर दूसरे राष्ट्रों में शरण लेने की प्रयास कर रहे हैं। तीन तरफ से इजराइल की भारी घेराबंदी के कारण, गाजा निवासियों के लिए बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता मिस्र की सीमा के पार है। लेकिन, इज़रायली हमलों के कारण यह अभी भी बंद है। इस बीच, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने घोषणा की है कि वह मिस्र और जॉर्डन में फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेंगे।
जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने मंगलवार को फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मिस्र या जॉर्डन में धकेलने के प्रयासों के विरुद्ध चेतावनी दी। उन्होंने बोला कि गाजा और वेस्ट बैंक के अंदर मानवीय स्थिति पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जर्मनी के दौरे पर आए किंग अब्दुल्ला ने बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से मुलाकात के बाद कहा, “यह एक लाल रेखा है, क्योंकि मुझे लगता है कि यह कुछ सामान्य संदिग्धों द्वारा जमीनी स्तर पर असली मामले बनाने की योजना है।” जॉर्डन में कोई शरणार्थी नहीं, मिस्र में कोई शरणार्थी नहीं।
जॉर्डन के राजा की इस घोषणा के बाद गाजा शरणार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। फिलहाल कोई भी यूरोपीय राष्ट्र गाजा शरणार्थियों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मध्य पूर्वी राष्ट्र भी फ़िलिस्तीनी हितों की रक्षा को लेकर मौखिक बयानबाजी कर रहे हैं। गाजा के हालात के लिए मुख्य उत्तरदायी राष्ट्र हमास भी शरणार्थी मामले पर शान्त है। अभी तक ईरान, क़तर और तुर्की की ओर से फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार करने के बारे में एक शब्द भी नहीं सुना गया है। ये राष्ट्र बाहर बयान तो दे रहे हैं, लेकिन ज़मीन पर सहायता के कोशिश शून्य हैं।
यूरोप पहले से ही शरणार्थी संकट का सामना कर रहा है। ऐसे में यूरोप का कोई भी राष्ट्र अधिक शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। प्रतिदिन सैकड़ों शरणार्थी यूरोप की सीमाओं में प्रवेश कर रहे हैं। इटली ने हजारों शरणार्थियों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की है। यूरोप में प्रवेश करने वाले शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया से है। ये शरणार्थी अक्सर यूरोपीय राष्ट्रों में घुसने की प्रयास करते हैं।