टीटीपी ने पाकिस्तान की खस्ताहाल स्थिति का किया जिक्र, और भारत की तरक्की पर की बात
Afghanistan: पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन टीटीपी यानी पाकिस्तानी तालिबान अपने देश के लिए सिरदर्द बन चुका है। आए दिन आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले टीटीपी अपने देश पाक के लिए ऐसा बयान दिया, जिससे पाक की चिंता और बढ़ गई होगी। यह आतंकवादी संगठन पाक में कई आतंकवादी हमलों के लिए उत्तरदायी है। 14 अगस्त को जब मुल्क का स्वतंत्रता दिवस था तो उस मौके पर तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने जो कुछ कहा, उसके बाद पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई होंगी। टीटीपी ने अपने बयान में पाक की खस्ताहाल स्थिति का जिक्र किया और हिंदुस्तान की तरक्की की बात भी कही। आजाद दोनों देश एकसाथ हुए थे, लेकिन पाक की बजाय केवल हिंदुस्तान की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का जिक्र पाकिस्तान के सामने किया टीटीपी ने किया। साथ ही आगाह भी किया है। टीटीपी ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वास्तविक आजादी की अपील की है। साथ ही उसने एक बार फिर पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने की बात कही है।
पाकिस्तान की हालत पर अफसोस, आर्मी पर मढ़ा दोष
टीटीपी ने पाकिस्तान के आजादी दिवस पर उसकी खस्ताहाल स्थिति पर अफसोस जताया है। टीटीपी ने शुभकामना के साथ ही उसे आईना भी दिखाया। हिंदुस्तान की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का उदाहरण देकर उसने पाकिस्तान के जख्मों पर नमक छिड़का है। टीटीपी ने बोला है कि 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को जो आजादी मिली, वह उसका लाभ नहीं उठा पाया है। संगठन का बोलना है कि आर्थिक संकट, गरीबी, हिंसा, भ्रष्टाचार, इस्लामिक सिस्टम की कमी ने राष्ट्र को शांति और समृद्धशीलता से दूर कर दिया है। इसके साथ ही टीटीपी ने मुल्क में उपस्थित संकट के लिए पाकिस्तान की आर्मी को गुनाह दिया है।
भारत की इस तरह की तारीफ
टीटीपी ने बोला कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी पाकिस्तान एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के तौर पर विकसित नहीं हो सका है। इसके बाद टीटीपी ने हिंदुस्तान का उदाहरण दिया। संगठन ने बोला कि आज हिंदुस्तान दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। टीटीपी ने अफगानिस्तान और बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति की भी सराहना की। आतंकी संगठन ने राष्ट्र में आर्थिक संकट के लिए पाकिस्तानी सेना और अभिजात वर्ग को उत्तरदायी ठहराया है। बोला कि इनकी वजह से ही राष्ट्र पिछले 76 वर्षों में कुछ नहीं कर पाया है। टीटीपी ने बोला है कि जल्द ही वह पाकिस्तान को शरिया कानून के साथ वास्तविक आजादी दिलाएगा।
क्या है टीटीपी का उद्देश्य
साल 2007 में अफगानिस्तान तालिबान से अलग होकर टीटीपी बना था। इसके बाद से पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से यह संगठन पाकिस्तान को निशाना बनाने में लगा हुआ है। संगठन की मांग है कि राष्ट्र में इस्लामिक कानून लागू किया जाए। साथ ही वह गवर्नमेंट पर अपने कई बड़े आतंकवादियों की रिहाई के लिए भी दबाव डाल रहा है।